टनकपुर-बनबसा के विकास को लेकर हुआ मंथन, आयोजित गोष्ठी में तमाम लोगों ने रखे विचार


टनकपुर। सामाजिक कार्यकर्ता एवं एबीसी अल्मा मैटर स्कूल प्रबंधक मदन सिंह महर की पहल पर टनकपुर-बनबसा क्षेत्र का समुचित विकास कैसे हो? विषय पर शनिवार को गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें वक्ताओं ने विकास की विभिन्न संभावनाओं की जानकारी दी और क्षेत्र के विकास को लेकर विचार प्रकट किए।
व्यापार मंडल अध्यक्ष शाहिद हुसैन की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी का शुभारंभ राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य बंशीधर उपाध्याय ने किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बहुमूल्य जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, लेकिन जड़ी-बूटी पर आधारित कोई शोध केंद्र न होने से उसकी पहचान नहीं हो पाई है। अगर यहां शोध केंद्र स्थापित होता है तो क्षेत्र के लोगों के लिए जड़ी बूटी आजीविका का बड़ा साधन साबित हो सकती हैं। चम्पावत विकास एवं संघर्ष समिति के संयोजक हरेंद्र बोरा ने कहा कि इस क्षेत्र को हरिद्वार, ऋषिकेश, वैष्णो देवी की तर्ज पर विकसित किया जा सकता है। उन्होंने रोजगार के लिए सिडकुल को भी जरूरी बताया। आयोजक मदन महर ने क्षेत्र में स्टोन इंडस्ट्री को जरूरी बताया। इंसाफ द पावर के संयोजक तिलक राम ने पलायन रोकने के उपाय बताए। हेम चंद्र जोशी, तिलकराज, गंगागिरि गोस्वामी ने भी विचार रखे। गोष्ठी में कैप्टन हरिप्रसाद टम्टा, सभासद सविता बिष्ट, पंकज भट्ट, दिनेश उप्रेती, अर्जुन महर, मो. हारुन, नारायण बोहरा, राजीव आर्य, आयुष त्रिपाठी, सौरभ कलखुड़िया आदि मौजूद रहे।


