उत्तराखण्ड

पाठ्यक्रम से ‘औ’ से ‘औरत’ शब्द हटाने जाने को लेकर इस संस्था ने प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

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हल्द्वानी। एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू व सदस्य प्रीति आर्या के नेतृत्व में संस्था ने पाठ्यक्रम से ‘औ’ से ‘औरत’ शब्द हटाने जाने को लेकर हल्द्वानी सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को भेजा ज्ञापन भेजा।

संस्था का मानना है कि अरबी गुलामी की मानसिकता से ग्रसित मातृशक्ति के प्रति अपमानजनक ‘औरत’ शब्द को सम्पूर्ण भारत में पूर्ण रूप से प्रतिबंध कर विद्यालयों के पाठ्यक्रम से ‘औ’ से ‘औरत’ शब्द को हटाया जाए। एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू व मार्गदर्शक पूजा लटवाल ने संयुक्त रूप से कहा की अरबी में औराह या औरत का मतलब महिला का गुप्तांग होता है, फिर भी हमारे देश के विद्यालयों में बच्चों को बचपन से ही मातृशक्ति के प्रति अपमानजनक ‘औ’ से ‘औरत’ शब्द की पढ़ाई कराई जा रही है, जिससे हम अपने देश के होनहार बच्चों को बचपन से ही अरबी गुलामी की मानसिकता से ग्रसित कर रहे है जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण निंदनीय है।

संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू ने कहा कि हमारे देश के होनहार बच्चों की शिक्षा ही अंधकार में चली जाएगी तो हमारे भारत देश का भविष्य उज्जवल कैसे होगा, इसलिए हम भारत सरकार से यह मांग करते हैं कि अरबी गुलामी की मानसिकता से ग्रसित औरत शब्द को सम्पूर्ण भारत में यथाशीघ्र प्रतिबंध कर विद्यालयों के पाठ्यक्रम से औ से औरत शब्द को हटाकर मातृशक्ति के सम्माननीय शब्द का प्रयोग किया जाए। जिससे मातृशक्ति की गरिमा में कोई ठेस ना पहुंचे। क्योंकि वैदिक सनातन प्राचीन काल में प्रभु श्री राम जी ने मां सीता जी के सम्मान में पूरी लंका को तहस नहस कर दिया था और ऐसा ही भगवान श्री कृष्ण जी ने द्रोपदी जी के सम्मान में भागकर आए और चीर हरण के समय द्रौपदी जी के वस्त्र को बढ़ाकर उनकी रक्षा की और महाभारत करके सारे कौरवों को दण्ड दिलवाया क्योंकि वैदिक काल से ही सनातन में नारी को मातृशक्ति के रूप में पूजनीय माना गया है।
उन्होंने कहा कि हमें भी खुद को बदलना होगा। क्योंकि जब हम बदलेंगे तब युग बदलेगा। इसलिए हम सब मिलकर यह शपथ लें कि जब तक मातृशक्ति के सम्मान में अरबी गुलामी की मानसिकता से ग्रसित औरत शब्द को पूर्ण रूप से सम्पूर्ण भारत देश में प्रतिबंध नहीं किया जाएगा, तब तक हम लोग चैन से नहीं बैठेंगे। क्योंकि भारत की नारी अपनी प्रतिभा को निखार कर भारत देश को प्रगति उन्नति की नई बुलंदियों में पहुंचाने और भारत देश को विश्व गुरु बनाने में अहम सहयोग दें रही हैं। इसलिए भारत की मातृशक्ति का अपमान किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और प्राचीन काल से आज तक सनातन ने मातृशक्ति के मान सम्मान और विकास में प्रगति उन्नति लाने के लिए हमेशा ही दृढ़ता के साथ संघर्ष किया है और आगे भी करते रहेंगे।
इस दौरान ज्ञापन देने में एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था संरक्षक हरीश चन्द्र पाण्डेय, अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू, उपाध्यक्ष लोकेश कुमार साहू, सचिव नन्दकिशोर आर्या, कोषाध्यक्ष बलराम हालदार, समाजसेवी मनोज कुमार, रवि गुप्ता, मार्गदर्शक पूजा लटवाल, प्रीती आर्या, शौफाली जायसवाल, चेतना लटवाल, कंचन जोशी, काजल खत्री, जानकी रैगाई, जानकी कश्यप, नन्दकिशोर आर्या, मुकेश साहू, नवीन तिवारी, संदीप यादव, राजेश साहू, रोहतास प्रजापति, मुकेश बिष्ट, अमन कुमार, सुशील राय, मुकेश कुमार, सूरज कुम्हार आदि लोग उपस्थित रहे।