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मानसिक रूप से कमजोर युवती से प्रधान सहित तीन ने किया दुष्कर्म, पीड़िता के पिता ने दी तहरीर

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रुद्रप्रयाग। जिले के एक गांव में मानसिक रूप से कमजोर युवती से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़ित के पिता ने ग्राम प्रधान सहित तीन लोगों के खिलाफ राजस्व पुलिस को तहरीर दी है। राजस्व विभाग ने मामला रेगुलर पुलिस को स्थानांतरित कर दिया है।

बताया जा रहा है कि 23 अगस्त को युवती गाय चराने के लिए जंगल गई हुई थी। वहां ग्राम प्रधान के साथ एक स्थानीय और एक नेपाली व्यक्ति ने उससे दुष्कर्म किया। युवती ने घर पहुंचकर अपनी मां को घटना की जानकारी दी। 25 अगस्त को पीड़िता के पिता ने राजस्व उप निरीक्षक चौकी में ग्राम प्रधान सहित तीन लोगों के खिलाफ तहरीर दी। राजस्व उप निरीक्षक नरेंद्र रावत ने बताया कि डीएम के आदेश पर केस को रेगुलर पुलिस को स्थानांतरित कर दिया है। वहीं, पीड़िता के पिता का कहना है कि घटना को एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने बताया कि आईपीसी की धारा 376 में एक मामला उन्हें शुक्रवार को मिला है। तहरीर में ग्राम प्रधान को भी नामजद किया गया है। पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। राजस्व उप निरीक्षक से जानकारी ली जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई होगी।

फिर एक बड़े मामले को दबाने में लगी थी राजस्व पुलिस, अब होगी दुष्कर्म के मामले की जांच

देहरादून। एक साल बाद फिर से राजस्व पुलिस की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल उठा है। रुद्रप्रयाग में एक युवती से दुष्कर्म का मामला इस एक सदी पुरानी व्यवस्था की भेंट चढ़ने वाला था। सात दिनों तक इसे दबाने का भरपूर प्रयास हुआ, लेकिन परिजनों की जागरूकता के चलते केस को रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर करना पड़ा। एक साल से इस व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास चल रहा है, लेकिन अब भी बहुत बड़ा हिस्सा पटवारी क्षेत्र के पास ही है।

बता दें कि पिछले साल पौड़ी जिले में चर्चित अंकिता हत्याकांड मामले में भी राजस्व पुलिस चार दिनों तक कुछ नहीं कर पाई थी। स्थानीय लोगों का जब गुस्सा बढ़ा तो प्रशासन को इस मामले को रेगुलर पुलिस को देना पड़ा। लेकिन, तब तक बहुत से साक्ष्य नष्ट हो गए थे। जांच एसआईटी के पास गई और फिर छह दिन बाद अंकिता की लाश बरामद हुई। इसके बाद इस पुरानी व्यवस्था को खत्म करने की बात शुरू हो गई। हाईकोर्ट ने भी इस मामले में शासन को सख्त निर्देश दिए थे। इस पर शासन ने पुलिस को सर्वे करने के निर्देश दिए। मामले में पुलिस ने सर्वे किया तो 4000 से अधिक गांवों को रेगुलर पुलिस में शामिल किया गया। शासन के निर्देश पर 20 चौकी और छह नए रेगुलर पुलिस के थाने बनाए गए। लेकिन, अब भी बहुत से गांव रेगुलर पुलिस में शामिल होने से बचे हुए हैं। इसके लिए दूसरे चरण का सर्वे शुरू हो गया है। अब देखने वाली बात है कि इस पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म होने में कितने दिन लगते हैं।

अधिकांश हत्याएं बन गईं रहस्य
राजस्व पुलिस व्यवस्था लागू होने से सबसे बड़ा असर हत्याओं के मुकदमों में हुआ। पूरे प्रदेश में पूर्व के वर्षों में कई ऐसी हत्याएं हुईं जो रहस्य बन गईं। जब तक मुकदमों की जांच रेगुलर पुलिस के पास गई तब तक सारे साक्ष्य नष्ट हो गए। लिहाजा, रेगुलर पुलिस के पास भी करने को कुछ नहीं बचा। अंत में अधिकांश मामलों में पुलिस को भी अंतिम रिपोर्ट ही अदालत में दाखिल करनी पड़ी। बीते छह सालों में ऐसी 13 हत्याओं के राज से अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है।