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चम्पावत के लिए अति महत्वपूर्ण क्वैराला परियोजना का ट्रायल हुआ शुरू, लेकिन इस गर्मी नहीं पहुंचा पाएगी राहत

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चम्पावत। उप चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चम्पावत विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना तय होने के साथ ही विभाग और प्रशासनिक अमला भी सक्रिय हो गया है। इस बीच जिला मुख्यालय चम्पावत क्षेत्र की प्यास बुझाने वाली क्वैराला पंपिंग योजना का ट्रायल शुरू हो गया है। ट्रायल को पूरा होने में करीब तीन महीने का समय लगेगा। इस कारण इस गर्मी के सीजन में योजना से पेयजल नहीं मिल सकेगा। ट्रायल के सफल होने के बाद ही इस योजना का हस्तांतरण होगा। एक साल तक योजना के संचालन की जिम्मेदारी जल निगम की होगी। जिला मुख्यालय के लिए चम्पावत पुनर्गठन पेयजल योजना (क्वैराला पंपिंग योजना) का काम अगस्त 2016 में शुरू होकर पिछले माह पूरा हुआ था। करीब 30.88 करोड़ रुपये की इस योजना से 30 वर्षों तक 29 हजार लोगों की प्यास बुझेगी। जल निगम के ईई वीके पाल ने बताया है कि क्वैराला नदी से बनी इस योजना का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। ट्रायल में पेयजल लाइन के लीकेज, अन्य गड़बड़ियां, पंप की जांच, लाइन के दबाव की क्षमता, टैंकों तक पानी पहुंचने, गंदे पानी को साफ करने सहित कई बिंदुओं की जांच होगी। इसमें 17 किमी लंबी पेयजल लाइन होने, पांच टैंक होने से इसके ट्रायल में समय भी अधिक लग रहा है। वहीं एई नरेंद्र मोहन जोशी का कहना है कि ट्रायल के सफल होने पर एक साल तक जल निगम की विद्युत और यांत्रिक विंग योजना का संचालन करेगी। फिलहाल जल संस्थान की पुरानी लाइनों से ही पेयजल बांटा जाएगा।

चम्पावत में फिलहाल एक दिन छोड़कर मिल रहा पानी
चम्पावत। जिला मुख्यालय की लगभग 16 हजार की आबादी को 13 अप्रैल से हर रोज पानी नहीं मिल रहा है। नलों से मिलने वाले पानी की एक दिन छोड़कर आपूर्ति हो रही है। इसके लिए जल संस्थान ने रोस्टर बनाया है। जल संस्थान के ईई विलाल यूनुस का कहना है कि चम्पावत में रोजाना 23.60 लाख लीटर पेयजल की जरूरत है, लेकिन इस वक्त सात लाख लीटर से भी कम पानी मिल रहा है। जल संस्थान के अपर सहायक अभियंता परमांनद पुनेठा का कहना है कि भीषण गर्मी से 11 में से चार (रौखेत, च्यूराखर्क, ललुवापानी, सिमाल) जल स्रोतों में 24 प्रतिशत की कमी आई है।

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड