चम्पावत में शुरू हुआ दो दिनी ‘किताब कौथिग’, प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. पुष्पेश पंत ने किया शुभारंभ, 50 प्रकाशकों ने लगाए स्टॉल
इस प्रकार के आयोजन से बच्चों व युवाओं में बढ़ेगी किताबों के प्रति रूचि : प्रो. पुष्पेश पंत
चम्पावत। जिला मुख्यालय में दो दिवसीय ‘किताब कौथिग’ का शनिवार को शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि विद्वान साहित्यकार एवं लेखक प्रो. पुष्पेश पंत, जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भण्डारी, ब्लॉक प्रमुख रेखा देवी, डा.अशोक पंत आदि ने द्वीप प्रज्वलित कर कौथिग का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर गोरलचौड़ मैदान में 50 प्रकाशकों की ओर से स्टॉल लगाए गए हैं। जिनमें 50 हजार से अधिक किताबें उपलब्ध हैं। वहीं एपण कला का स्टॉल भी लगाया गया है।
जिला प्रशासन की ओर से मुख्यालय के गोरलचौड़ मैदान के समीप ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय किताब कौथिग के शुभारंभ पर प्रथम सत्र में डॉ. अशोक पंत के संचालन में खुला सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें डॉक्टर पुष्पेश पंत द्वारा पुस्तकों की प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए तथा ऑडिटोरियम में उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों की जिज्ञासाओं को भी शांत किया। प्रो. पुष्पेश पंत ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बच्चों व युवाओं को किताबों के प्रति रूचि बढ़ाने में प्रेरणा मिलेगी और शिक्षित बनेंगे, जिससे एक स्वस्थ्य-शिक्षित समाज का निर्माण होगा। उन्होंने बच्चों व युवाओं से किताबों में रूचि लेकर पढ़ने व आगे बढ़ने की अपील की। उन्होंने एक विधार्थी के प्रश्न कि किताब पढ़ने का चलन कम हो गया, जिस पर डॉ. पंत ने कहा कि किताब पढ़ने का चलन बिल्कुल भी कम नही हुआ हैं, किताब पढ़ने का तरीका बदल रहा है। वर्तमान में व्यक्ति डिजिटली विभिन्न पुस्तकों को आसानी से पढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बच्चों एवं युवाओं में पढ़ने की रूची ही नही बढ़ती है बल्कि हमारी संस्कृति व धार्मिक स्थलों को जानने का मौका भी मिलता है साथ ही स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलता है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा की मुख्यमंत्री की जनपद चम्पावत को ‘आदर्श चम्पावत’ बनाने की परिकल्पना के अनुरूप इस किताब कौथिग मेले का आयोजन किया गया है और आगे भी अन्य ब्लाकों में भी आयोजित किए जाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा सरकार शिक्षा के प्रति बेहद संवेदनशील है तथा सभी स्कूल, विद्यालयों व कालेजों में बेहतर शिक्षा प्रदान करने हेतु प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि बच्चों में पढने लिखने की रुचि को बढाने के उद्देश्य से इस किताब कौथिग मेले का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सभी आये लेखकों, साहित्यकारों आदि का आभार जताते हुए कहा कि आप लोगों से यहा बच्चों को काफी कुछ सिखने को मिलेगा। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि पढ़ना लिखना हमारी आदत में शुमार होना चाहिए जो हमारी पूरी जिन्दगी भर काम आता है और यह आदत हमारे अच्छे भविष्य का निर्माण करने में सहायक होती है। पुस्तक मेला का मुख्य उद्देश्य बच्चों को किताबों के प्रति रूचि पैदा करना है। ऐसे पुस्तक मेलों में बच्चों को स्कूली विषयों से हटकर विभिन्न लेखकों, प्रशासकों की असंख्य पुस्तकों की विविधता मिलती है, जिससे बच्चे रूचि लेकर पढ़ सकते है। उन्होंने कहा कि किताब कौथिक जनपद के साथ साथ प्रदेश व देश में बच्चों को आगे बढ़ने और शिक्षित करने में काफी मदद करेगा। इस दौरान जिलाधिकारी समेत आए विभिन्न लोगों ने गोरलचौड़ मैदान में लगी किताबों के स्टालों का अवलोकन करने के साथ ही किताबें क्रय की। प्रथम दिवस में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डा.तिलकराज जोशी को सम्मानित करते हुए जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी की प्रेरणा के अनुरूप शिक्षा विभाग चम्पावत द्वारा प्रकाशित ‘न्यौलि कलम’ पुस्तक का विमोचन किया गया। जिसमें सरकारी स्कूलों के बच्चों के लेख एवं अनुभव प्रकाशित किये गये। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूली बच्चों द्वारा एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष विजय वर्मा, विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, शिक्षाविद अशोक कुमार पंत, कार्यक्रम संयोजक हेम पंत, मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित, अपर जिला अधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, उद्योगपति नरेंद्र लडवाल, कीर्तिबल्लभ सक्टा, देश प्रदेश के कई नामचीन साहित्यकार, कवि, लेखक, आदि ने प्रतिभाग किया है। कार्यक्रम का संचालन नवीन चंद्र पंत एवं डॉ. भुवन चंद्र जोशी द्वारा किया गया।