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कुमाऊं में ब्लैक फंगस के दो और मरीज मिले, इन जिलों के हैं रहने वाले

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कुमाऊं  में मंगलवार को ब्लैक फंगस के दो और मरीज मिले हैं। ये दोनों मरीज नैनीताल और सीमांत जिले पिथौरागढ़ में मिले हैं। दोनों जिलों में ब्लैक फंगस के ये पहले मामले में हैं। इसके साथ ही कुमाऊं में इस बीमारी के अब तक पांच मामले मिल चुके हैं। इनमें दो मरीज ऊधमसिंह नगर और एक अल्मोड़ा जिले में मिला है। इधर, हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भी ब्लैक फंगस का संदिग्ध रोगी भर्ती हुआ है। हालांकि उसमें अभी ब्लैक फंगस की पुष्टि नहीं हुई है।  हल्द्वानी निवासी 59 वर्षीय व्यक्ति को कुछ समय पहले कोरोना हुआ था। उसे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कृष्णा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हरभजन सिंह ने बताया कि यह पोस्ट कोविड रोगी है, जो बीते दिनों सिरदर्द, फेशियल पाल्सी, जबड़े और आंखों में परेशानी की शिकायत को लेकर अस्पताल पहुंचा था। इसके बाद ईएनटी के डॉक्टर, न्यूरो फिजिशियन आदि की टीम ने रोगी की जांच की। डॉ. सिंह ने बताया है कि ट्रीटमेंट शुरू करने के साथ सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। इसमें ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। डॉ. सिंह ने बताया कि रोगी के इलाज के लिए एंटी फंगल दवा की जरूरत है, जिसकी उपलब्धता में समस्या आ रही है। इसे उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया गया है। रोगी की दोबारा कोरोना जांच भी कराई जा रही है। इसके साथ ही एमआरआई भी कराया जाएगा।
उधर, पिथौरागढ़ जिले में भी ब्लैक फंगस का पहला मामला सामने आया है। मरीज को चार दिन पूर्व ही कोरोना संक्रमित होने पर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। सीएमओ डॉ. एचसी पंत ने बताया कि 45 वर्षीय इस मरीज के गाल में दो दिन से सूजन थी। सोमवार को उसका सीटी स्कैन कराया गया, जिसमें उसके शरीर में ब्लैक फंगस होने की पुष्टि हुई है। डॉ. पंत ने बताया कि सेना अस्पताल के अधिकारियों से संपर्क कर एमफ्रोटोसिन टीका मंगाया गया है। टीका लगाने के बाद तुरंत ही उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि एहतियातन संक्रमित मरीजों पर नजर रखी जा रही है। यदि ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते हैं तो टीका मंगाया जाएगा। 

एसटीएच में कमेटी का गठन 
सुशीला तिवारी अस्पताल में ब्लैक फंगस के मद्देनजर एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी का नोडल अधिकारी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष  डॉ. एसआर सक्सेना को बनाया गया है। डॉ. जोशी ने बताया कि कमेटी में कोविड के नोडल अधिकारी, ईएनटी, न्यूरो सर्जरी, डेंटल और नेत्र रोग विभाग के विशेषज्ञ शामिल हैं। ब्लैक फंगस का रोगी रिपोर्ट होता है, तो उसके लिए जरूरी एक दवा की संस्तुति भी नोडल अधिकारी के माध्यम से की जाएगी। इसमें रोगी के साथ डॉक्टर का भी विवरण होगा।