क्राइमचंपावतजनपद चम्पावतनवीनतम

चम्पावत : सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर महिला से 22 लाख की ठगी, एक शिक्षक समेत तीन पर FIR

Ad Ad
ख़बर शेयर करें -

लोहाघाट/चम्पावत। सचिवालय में नौकरी लगवाने के नाम पर एक महिला से लाखों रुपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक चम्पावत को तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

तहरीर के अनुसार चम्पावत के तल्ली मादली वार्ड निवासी सरोजनी पत्नी शेखर चन्द्र जोशी ने बताया कि ग्राम कोलीढेक निवासी बलवंत सिंह रौतेला, जो एक राजकीय शिक्षक हैं, ने बीते वर्ष उसके पति से सम्पर्क कर सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया। आरोप है कि बलवंत सिंह रौतेला ने उसे नवम्बर 2023 में देहरादून ले जाकर विनय भट्ट नामक व्यक्ति से मिलवाया।

Ad

बाद में दोनों ने सचिवालय परिसर में कविन्द्र सिंह नाम के व्यक्ति से परिचय कराया, जिसने स्वयं को सचिव बताते हुए समाज कल्याण विभाग में प्रबंधक पद पर नियुक्ति का फर्जी पत्र थमाया। पीड़िता के अनुसार, आरोपियों ने उसे पांच फर्जी नियुक्ति पत्र सौंपकर यह विश्वास दिलाया कि वह 7 मार्च 2024 को पद पर ज्वाइन कर सकेगी। बातों में फंसाकर आरोपियों ने उससे 25 लाख रुपये की मांग की और उसने रिश्तेदारों की मदद से लगभग 22 लाख रुपये विनय भट्ट के खाते में स्थानांतरित कर दिए।

बाद में जब प्रार्थिनी ने छानबीन की तो यह पता चला कि तथाकथित सचिव असल में मायाराम सोनी नामक व्यक्ति है, जिसने फर्जी पहचान बनाकर ठगी की साजिश रची। तीनों आरोपियों बलवंत सिंह रौतेला, विनय भट्ट और मायाराम सोनी पर महिला ने मानसिक उत्पीड़न और आर्थिक शोषण का आरोप लगाया है। महिला ने पुलिस से अनुरोध किया है कि आरोपियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करते हुए उसकी धनराशि वापस दिलाई जाए। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने पीड़िता की तहरीर के आधार पर झूठे दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है। मामले की जांच एसआई संदीप पिलख्वाल को सौंपी गई है।

शिक्षक पर एक माह में दूसरी प्राथमिकी

नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले आरोपी शिक्षक बलवंत रौतेला, विनय भट्ट, मायाराम सोनी पर पहले भी तीन अक्टूबर को लोहाघाट थाने में धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज हुई है। लोहाघाट डाक बंगला रोड निवासी मोहित पांडे ने नौकरी के नाम पर 31 लाख रुपये ठगने की तहरीर पुलिस को सौंपी थी। सूत्र बताते हैं कि शिक्षक ने पीड़ित को 31 लाख रुपये वापस कर दिए हैं। हालांकि मामले को समझौते की तरफ ले जाने का प्रयास अब भी जारी है।