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यूक्रेन का स्नेक द्वीप # जहां युद्धपोत पर मौजूद जवानों ने सरेंडर करने के बजाए खा लीं गोलियां …

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स्नेक आइलैंड के जवान – फोटो : Social Media

यूक्रेन पर हमले के बाद रूसी सेना तेजी से आगे बढ़ रही है। हमले के दूसरे दिन रूस ने कीव के सैन्य एयरबेस और चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट के बाद स्नेक द्वीप को अपने कब्जे में ले लिया है। जहां से एक ह्रदय विदारक घटना सामने आई है। यहां कब्जा करने पहुंचे रूसी सैनिकों ने जब वहां सुरक्षा के लिए तैनात युद्धपोत पर गार्ड्स को देखा तो उन्हें सरेंडर करने को कहा। उन गार्ड्स ने अपने आत्मसम्मान की रक्षा करते हुए सरेंडर करने के बजाए रूसी सैनिकों की गोली खाना मंजूर किया। यूक्रेन ने अपने इन जवानों को सलाम करते हुए उन्हें हीरो ऑफ यूक्रेन का सम्मान दिया है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया है कि रूस ने यूक्रेन के इस द्वीप पर कब्जा कर लिया है। वहां मौजूद 13 बॉर्डर गार्ड्स को मार दिया गया है।

कहां है स्नेक आइलैंड?
इसे सर्पेंट आइलैंड भी कहा जाता है। यह यूक्रेन के काला सागर तट से लगभग 35 किमी दूर डेन्यूब डेल्टा के पास स्थित है। यह यूक्रेनी शहर, विलकोव के तट से लगभग 30 मील की दूरी पर और क्रीमिया से लगभग 185 मील पश्चिम में है।

यूक्रेन के लिए इसका महत्व क्या था?
वैसे तो स्नेक आइलैंड का कुल क्षेत्र एक वर्ग मील के दसवें हिस्से से भी कम है, लेकिन यूक्रेन के काला सागर के कोने में होने से समुद्री सुरक्षा के लिहाज से यह यूक्रेन के लिए अहम था। स्नेक आइलैंड यूक्रेन के समुद्री क्षेत्रीय दावों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता था। 2014 में क्रीमिया पर रूसी कब्जे ने पहले ही मास्को को काला सागर के बड़े क्षेत्रों पर हावी होने का मौका दे दिया जिस पर यूक्रेन का अधिकार है। यूक्रेन स्नेक आइलैंड के रणनीतिक महत्व को समझता था इसलिए उसे हमेशा इस द्वीप पर रूसी हमले की आशंका रही। यही वजह थी कि बीते साल कीव में क्रीमिया प्लेटफॉर्म शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोल्दिमीर जेलेंस्की ने इस शिखर सम्मेलन को चर्चा में लाने के लिए यूक्रेनी मीडिया को इंटरव्यू देने के लिए स्नेक आइलैंड को ही चुना था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पूछे जाने पर कि उन्होंने यह स्थान क्यों चुना, जेलेंस्की ने जवाब दिया ‘मीडिया से बात करने के लिए लिए स्नेक आइलैंड का चयन अत्यधिक प्रतीकात्मक था। उन्होंने कहा था कि हम जानते हैं कि काला सागर में रूस की दिलचस्पी है, लेकिन यह द्वीप, हमारे क्षेत्र के बाकी हिस्सों की तरह, यूक्रेनी भूमि है और हम अपनी पूरी ताकत से इसकी रक्षा करेंगे।’

सुरक्षा मजबूत करने के लिए यूक्रेन ने कई कदम उठाए थे
यूक्रेन ने इस द्वीप की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए थे। दूसरी तरफ यूक्रेन को भी काला सागर में अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय समर्थन की तत्काल आवश्यकता थी। इसी वजह से 2021 के जून और जुलाई में नाटो के वार्षिक समुद्री हवा अभ्यास के दौरान कई अभ्यास यहां भी हुए थे। स्नेक आइलैंड को लेकर किए जा रहे यूक्रेन के ये सभी प्रयास उसकी असुरक्षा थी क्योंकि उसे मास्को के हाइब्रिड युद्ध का अगला निशाना बनने का इशारा मिल रहा था।
यह द्वीप यूक्रेनी बंदरगाह शहरों ओडेसा, मायकोलाइव और खेरसॉन के लिए काला सागर शिपिंग गलियारे की सुरक्षा में मदद करता है। यह काला सागर यूक्रेन तक अनाज और धातुओं के निर्यात के साथ-साथ चीन से उपभोक्ता वस्तुओं के आयात के लिए महत्वपूर्ण है। यूक्रेन को अर्थव्यवस्था को चलाने में इसका बहुत बड़ा योगदान है। इस द्वीप पर रूसी कब्जे के बाद यूक्रेनी अर्थव्यवस्था तेजी से संकट में पड़ सकती है।

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नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड