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यूकेएसएसएससी (UKSSSC) के नवनियुक्त अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया बोले- युवाओं में आयोग के प्रति फिर विश्वास जगाना प्राथमिकता

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के नवनियुक्त अध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया ने कहा है कि आयोग को सरकार से मिलने वाली हर जिम्मेदारी को बेहतर ढंग से पारदर्शिता के साथ निभाना मेरी प्राथमिकता है। पूर्व में आयोग की कुछ परीक्षाओं में जिस प्रकार से धांधली हुई है, उससे विशेष रूप से परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं का विश्वास आयोग पर कुछ कम हुआ है। यह विश्वास फिर से कायम करना भी मेरी प्राथमिकता में शामिल है।
दरअसल, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष की कुर्सी पूर्व आइपीएस जीएस मर्तोलिया ने ऐसे समय में संभाली है जब चौतरफा आयोग की किरकिरी हो रही है। क्योंकि आयोग की तमाम भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े की बात सामने आ चुकी है। स्नातक स्तरीय परीक्षा की धांधली में वर्तमान में करीब 41 आरोपित जेल में हैं, जिसमें कंपनी के मालिक समेत कई माफिया शामिल हैं। जबकि आयोग के पूर्व अध्यक्ष, सचिव व परीक्षा नियंत्रक भी जेल में हैं और कई अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए विजिलेंस ने सरकार से अनुमति मांगी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीते गुरुवार को आयोग के तीसरे अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने वाले पूर्व आइपीएस जीएस मर्तोलिया ने अपनी कुछ प्राथमिकता गिनाई हैं। वर्ष 2016 में हुई वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल के मामले में एसटीएफ ने जांच की लेकिन, कुछ समय बाद मामला हाईकोर्ट में पहुंचने से पहले ही आरोपितों व शिकायत कर्ताओं में समझौता हो गया। इस सवाल के जवाब में मर्तोलिया ने कहा कि वर्ष 2016 में वन आरक्षी परीक्षा के बाद क्या हुआ यह उनकी जानकारी में नहीं है। यदि गलत हुआ है तो मामले का संज्ञान लिया जाएगा।

आगे आयोग का विश्वास बनाए रखना आपके लिए चुनौती है।
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि आयोग ने पहले भी बेहतर कार्य किए हैं। हां। कुछ परीक्षा में नकल व घूस लेने के मामले सामने आए हैं। भविष्य में युवाओं को न्याय मिले इसके लिए सख्त कानून व नियमों को लागू किया जाएगा। ताकि मेहनतकस युवा को आगे आने व नौकरी का मौका मिल सके। मैं उत्तराखंड के युवाओं को निराश नहीं होने दूंगा।

आयोग के पास से लगभग सभी परीक्षा छीन ली गई हैं। आप कैसे आगे परीक्षा आयोजित करने के लिए सरकार को विश्वास में लेंगे।
इस पर जीएस मार्तोलिया ने कहा कि पिछले तीन महीने में जो हुआ उससे मन आहत हुआ है। छोटे से राज्य में यदि ऐसी अराजकता हुई है तो सरासर गलत है। मैं दावा तो नहीं करता, लेकिन सिस्टम में रहकर ईमानदारी से न्याय संगत कार्य करूंगा।

आपकी आयोग के अध्यक्ष के नाते प्राथमिकताएं क्या होंगी।
इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं के साथ न्याय हो। यह मेरी प्राथमिकता होगी। कोरोनकाल में सैकड़ों युवाओं को मैंने गांव में शारीरिक दक्षता का प्रशिक्षण दिया है। ताकि युवा आगे देश का भविष्य बन सके। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जो विश्वास मुझ पर जताया है, उस पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा।

आयोग की भूमिका दोबारा महत्वपूर्ण होगी इसके लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए।
इस पर मर्तोलिया ने कहा कि आयोग की भूमिका सरकार को तय करनी है। हां, हमें अपने स्तर पर आवेदन, परीक्षा व रिजल्ट को तैयार करने में पारदर्शिता बरतनी होगी। मुझे विश्वास है कि हम उत्तराखंड के युवाओं के बीच अपनी खोई छवि को सुधारने में कामयाब होंगे।

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