पूर्व सीएम हरीश रावत का अनोखा प्रदर्शन, नंगे पांव चले और बोले-राज्य में बढ़ती बेरोजगारी चिंताजनक
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता हरीश रावत ने मंगलवार को अनोखा प्रदर्शन किया। वे नंगे पांव चले और रोजगार के सवाल पर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। हरीश रावत की पदयात्रा देहरादून में डिस्पेंसरी रोड पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको नमन करने के बाद आरंभ हुई। इसका समापन राजपुर रोड स्थित गांधी पार्क पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा के समक्ष पहुंचकर हुआ। साथ ही प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में निरंतर बेरोजगारी की दर बढ़ रही है। 8.50 प्रतिशत के करीब पहुंच चुकी है। उत्तराखंड में सर्वाधिक बेरोजगारी है। बढ़ती बेरोजगारी चिंताजनक है। यहां नौकरियों में भर्तियों के नाम पर नौजवानों को ठगा जा रहा है। मुझे बहुत कठोर शब्द प्रयोग करना पड़ रहा है। कभी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के झमेले में, कभी विधानसभा के तो कभी लोक सेवा आयोग के झमेले में नई नौकरियां फंस कर रह गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पिछले छह साल से लोक सेवा आयोग की भर्तियां रुकी पड़ी हैं। वही स्थिति अन्य स्थानों पर भी है। अधियाचन होने के बाद भी पद वापस ले लिए जाते हैं। जिन लोगों ने डिप्लोमा किया है, चाहे सिविल में किया हो और दूसरे डिप्लोमा किये हों, वह खाली घूम रहे हैं। धरना दे रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य के अंदर अजीब सी स्थिति है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेसजनों से वे क्षमा चाहते हैं, सब लोगों से अनुमति नहीं ले पाया हूं, लेकिन भावना के प्रभाव में मैंने यह निर्णय लिया है। मैं इस पर कायम रहूंगा। अपने राज्य के उन बेरोजगार नौजवानों, शिक्षित बेरोजगारों अधर में त्रिशंकु की भांति लटके हुए उन लड़के-लड़कियों जिनकी दिल की धड़कन हर दिन बढ़ती जा रही है, जिनकी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। जिनके चेहरे और होंठ सूखते जा रहे हैं, उनके लिए स्व. राजीव गांधी जी की मूर्ति से जो राजीव कॉन्प्लेक्स डिस्पेंसरी रोड में स्थित है वहां से गांधी पार्क में पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की मूर्ति तक नंगे पांव पदयात्रा की है। मेरे हाथ में कुछ नहीं है, न सत्ता है, न कुछ और, न शक्ति है।
उन्होंने कहा कि जो कुछ मुझे इस राज्य ने दिया है, उसके बल पर एक नैतिक दबाव राज्य सरकार पर पैदा करने के लिए ये नंगे पांव पदयात्रा कर रहे हैं। यदपि उनकी पदयात्रा एकांगी थी, फिर भी कई बेरोज़गार संगठनों से युवा सहित कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। उन्होंने और लोगों से नंगे पांव न चलने की भी अपील की थी। कहा इसमें कोई राजनीति भी नहीं है। यह एक भूतपूर्व मुख्यमंत्री के नाते मैं समझता हूं, मैं भी इन बच्चों का अभिभावक हूं जो मेरा भूतपूर्व मुख्यमंत्री के नाते कर्तव्य है। वह मुझे बाध्य कर रहा है। इस पदयात्रा को पार्टीगत न समझा जाए। इसलिए मैंने अपने प्रदेश अध्यक्ष जी की ओर पार्टी के नेतागणों को भी सूचित नहीं किया।