पाटी के पशुपालक को यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी देगी क्षतिपूर्ति
चम्पावत। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने बीमित पशु की मौत के बाद वादकारी को मुआवजे का भुगतान न करने पर यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी को क्षतिपूर्ति देने का फैसला सुनाया है। आयोग ने मामले में सेवा में कमी, मानसिक वेदना, वाद व्यय के लिए कुल 57000 रुपये वादकारी को देने का आदेश दिया है।
पाटी तहसील के रौलमेल मैरोली निवासी महेश सिंह पुत्र नैन सिंह ने वर्ष 2017 में 50000 रुपये का बैंक ऋण लेकर आजीविका के लिए एक खच्चर खरीदा था। पशु चिकित्सक से इसका परीक्षण कराने के बाद उसके कान में टैग लगाया गया। महेश ने पशु के बीमे के प्रीमियम की राशि 3095 रुपये यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी पिथौरागढ़ को दी थी लेकिन कुछ ही दिनों के बाद खच्चर की मौत हो गई। बीमा कंपनी की ओर से बीमा राशि के भुगतान में लापरवाही कर मजबूरन महेश सिंह ने मामले को उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में दर्ज कराया। आयोग की अध्यक्ष कहकशा खान, सदस्य आलोक पांडेय, दीपा मुरारी ने मामले में उभय पक्षों की ओर से पेश की गई पत्रावलियों और अधिवक्ताओं की दलीलों को सुना। इसी आधार पर बीमा कंपनी को सेवा में कमी का दोषी करार देते हुए वादकारी को बीमा प्रीमियम की राशि 3095 को 12 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज की दर से अदा करने का फैसला सुनाया है। सेवा में कमी के लिए 40000 क्षतिपूर्ति, मानसिक वेदना को 15000, वाद व्यय के रूप में 2000 रुपये अदा करने का आदेश भी दिया है। बीमा कंपनी को एक माह के भीतर क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया तो संपूर्ण राशि पर निर्णय के दिनांक से भुगतान की तिथि तक आठ प्रतिशत साधारण सालाना ब्याज भी कंपनी को देना होगा। परिवादी की ओर से हरीश चंद्र उप्रेती ने पैरवी की।