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उत्तराखंड के गढ़वाल की बेटी बनी लखनऊ की मेयर, जानें सेना के हवलदार की पत्नी कैसे बनीं लखनऊ की नई ‘कमांडर’

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उत्तराखंड के गढ़वाल की बेटी सुषमा खर्कवाल के यूपी की राजधानी लखनऊ की मेयर निर्वाचित होने से उनके मायके और ससुराल में खुशी की लहर है। कोटद्वार भाबर में उनके रिश्तेदारों में भी जश्न का माहौल है। वर्तमान में उनके मायके के लोग कोटद्वार के हल्दूखाता भाबर में निवास कर रहे हैं। उनके भाई विनोद भट्ट भी लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं।

सुषमा खर्कवाल के चचेरे भाई मनीष भट्ट ने बताया कि उनका परिवार कई साल पहले यमकेश्वर के भट्टगांव से कोटद्वार भाबर के हल्दूखाता में आकर निवास कर रहा है। पिता गोविंदराम भट्ट और माता का निधन हो चुका है। सुषमा तीन बहनों में सबसे छोटी है। एक भाई विनोद इन दिनों चुनाव प्रचार के सिलसिले में लखनऊ में ही हैं। वे बताते हैं कि सुषमा दीदी की शादी 1984 में दुगड्डा के कलढुंगा निवासी प्रेमलाल खर्कवाल के साथ हुई। उनका परिवार लंबे समय से लखनऊ में ही रह रहा है। उनके निर्वाचन से यमकेश्वर के भट्टगांव, दुगड्डा के कलढुंगा स्थित ससुराल और कोटद्वार भाबर में खुशी की लहर है। उनके मेयर बनने से दुगड्डा केे पूर्व ब्लाक प्रमुख वरिष्ठ भाजपा नेता भुवनेश खर्कवाल, पूर्व पार्षद हरीश खर्कवाल, सतीश गौड़ समेत कई लोगों ने खुशी जताई है। कहा कि सुषमा खर्कवाल ने गढ़वाल का नाम रोशन कर दिया है।

सुषमा खर्कवाल ने महापौर पद के लिए 2,04,161 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। सुषमा को कुल 5,02,680 वोट मिले तथा सपा की वंदना मिश्रा को 2,98,519 वोट मिले। सुषमा खर्कवाल को राजनीति विरासत में नहीं मिली। अपने संघर्ष व मेहनत के दम पर उन्होंने बीजेपी में न सिर्फ पहचान बनाई बल्कि एक मुकाम भी हासिल किया। वह बीजेपी में कई पदों पर सेवा दे चुकी हैं। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कभी हिम्मत नहीं हारी। पति सेना में थे। दो छोटे छोटे बच्चों की जिम्मेदारी खुद सुषमा पर थी। इसके बावजूद राजनीति नहीं छोड़ी। करीब 35 वर्ष से बीजेपी के लिए काम कर रही थीं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की सभाओं और रैलियों में उनकी स्कूटर सबसे आगे रहती थी। अटल जी उन्हें अच्छे से जानते पहचानते थे। खुद सुषमा खर्कवाल कहती हैं कि अटल जी की लखनऊ में कोई भी ऐसी सभा, रैली, रोड शो नहीं रहा होगा जिसमें वह आगे न रही हों। सुषमा कहती हैं कि अटल जी
बहुत स्नेह करते थे।

सुषमा ने अपनी स्नातक की पढ़ाई उत्तराखंड से ही की। उनके परिवार में दो बेटे हैं। बड़ा बेटा मयंक फिलिप्स कम्पनी में सीनियर पद पर है। जबकि दूसरा छोटा बेटा मनीष इंजीनियर है। सुषमा बताती हैं कि उत्तराखंड बंटवारे के बाद भगत सिंह कोश्यारी ने उनसे उत्तराखंड चलने को कहा था, लेकिन वह गईं नहीं। उनके पति सेना में हवलदार पद से रिटायर हुए थे। उसके बाद विधानसभा में सहायक मार्शल के पद पर तैनात थे। पिछले वर्ष ही वह वहां सेभी रिटायर हुए।

पूरा नाम- सुषमा खर्कवाल
पति का नाम- प्रेम खर्कवाल (रिटायर सैनिक )
उम्र – 59 वर्ष
निवास- बी -605, सेक्टर 8बी, एडब्ल्यूएचओ कॉलोनी, वृंदावन, लखनऊ
वार्ड- इब्राहिमपुर प्रथम
शिक्षा – श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय, उत्तराखंड सेस्नातक।
राजनीतिक सफर
-वर्तमान में उत्तर प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की सदस्य
-पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष महिला मोर्चा, पूर्वप्रदेश मंत्री महिला मोर्चा
-लगभग 30 वर्षों से पार्टी में कार्यरत
-भारतीय पर्वतीय महासभा की राष्ट्रीय प्रभारी
-भाजपा पश्चिम विस क्षेत्र मंडल-2 प्रभारी
-पूर्व महिला मोर्चा प्रदेश मंत्री तथा अवध क्षेत्र की अध्यक्ष रहीं
-केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण की सदस्य रहीं
-क्षेत्रीय रेल उपभोक्ता परामर्शदात्री समिति की सदस्य रहीं
-सैनिक कल्याण बोर्ड की सदस्य रहीं
-खाद्य रसद सलाहकार बोर्ड की सदस्य रहीं
-दूर संचार निगम की जिला स्तरीय सदस्य रहीं
-आर्मी वेलफेयर हाउसिंग आर्गेनाइजेशन की संयुक्त सचिव रहीं

  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान भाजपा अवध क्षेत्र की संयोजक भी रह चुकी हैं।
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