उत्तराखंड : दोस्त को भालू के पंजे से छुड़ा लाया 13 वर्षीय पंकेश, पत्थरों से हमला कर भगाया
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में इन दिनों वन्यजीवों ने आतंक मचा रखा है। भालू और गुलदार के हमलों की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं
चमोली। उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में लोग इन दिनों भालू के आतंक से परेशान हैं। आए दिन भालू के हमलों के मामले सामने आ रहे हैं। नया मामला चमोली जिले के पोखरी विकासखंड से सामने आया है, जहां भालू ने स्कूल से आ रहे बच्चों पर हमला कर दिया। बड़ी बात ये है कि अपने दोस्त को बचाने के लिए दूसरा बच्चा भालू से भिड़ गया। स्कूली बच्चे के सामने भालू को भी हार माननी पड़ी और वो वहां से भाग गया।
जानकारी के मुताबिक, देवेश और पंकेश दोनों पोखरी विकासखंड के जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर में पढ़ाई करते हैं। दोनों बच्चे 13 साल के हैं और 6वीं क्लास में पढ़ते हैं। शनिवार को दोनों छुट्टी के बाद घर आ रहे थे, तभी बीच रास्ते में दोनों का सामना भालू से हो गया। बताया जा रहा है कि भालू ने अचानक से देवेश का पैर पकड़ लिया। देवेश को भालू के कब्जे में फंसा देख पंकेश घबराया नहीं, बल्कि हिम्मत से काम लिया और भालू पर पत्थरों से हमला करना शुरू कर दिया। इसके बाद देवेश का पैर छोड़कर मौके से भाग गया।
घायल देवेश को शिक्षक मनबर सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसका उपचार किया. उपचार के बाद देवेश को घर भेज दिया गया।

छात्र देवेश ने बताया है कि ‘मैं बहुत डर गया था, अगर पंकेश हिम्मत न दिखता तो आज कुछ भी हो सकता था। वो मेरा सच्चा दोस्त है। वहीं पंकेश की इसी बहादुरी की सब सराहना कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि भालू के हमले से देवेश घबराया तो पंकेश ने दिखाई हिम्मत। भालू के अचानक हुए हमले से देवेश बुरी तरह घबरा गया था और चिल्लाने लगा था। ऐसी स्थिति में अक्सर बड़े-बड़े लोग डर जाते हैं और वहां से भाग जाते हैं। क्योंकि हर किसी को अपनी जान की चिंता होती है, लेकिन पंकेश ने हिम्मत दिखाई और संकट के समय दोस्त का साथ देकर उसका जीवन बचाया। आज एक मित्र ने दूसरे मित्र की जान बचाने के लिए जो हिम्मत जुटाई उसकी पूरी क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है। वहीं इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर नेगी ने कहा वन विभाग टीम जांच में लगी हुई है। उस क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।

