उत्तराखंड # यहां ईओ की तहरीर पर पालिकाध्यक्ष व सभासद के खिलाफ हो गया मुकदमा, विवादों को गढ़ बनती जा रही है नगरपालिका
चम्पावत। चम्पावत नगरपालिका विकास का नहीं विवाद का गढ़ बन गई है। जब से चम्पावत में नए ईओ की एंट्री हुई है, रोजाना कुछ न कुछ बखेड़ा हो रहा है। गुरुवार को तो सारी हदें पार हो गईं। अधिशासी अधिकारी (ईओ) ने पालिकाध्यक्ष और एक सभासद पर अभद्रता करने और धमकाने का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस को तहरीर सौंपी। पुलिस ने भी ईओ की तहरीर पर दोनों नेताओं के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया। दोनों नेताओं ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
बताया जा रहा है कि छठ की छुट्टी के बाद गुरुवार को बोर्ड बैठक होनी थी। बैठक के लिए सभासद, ईओ भी पहुंचे। निविदा खुलने की तिथि होने की वजह से पालिका परिसर में कुछ ठेकेदार भी मौजूद थे। इसी बीच पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा ने बोर्ड बैठक रजिस्टर मांगा तो ईओ ने अलमारी की चाबी नहीं होने की बात कही। इसके बाद ईओ अपने चैंबर में चले गए। इस पर चेयरमैन व कनलगांव वार्ड के सभासद मोहन भट्ट की ईओ कक्ष में नोकझोंक होने लगी। ईओ भूपेंद्र प्रकाश जोशी का आरोप है कि चेयरमैन और सभासद ने मारपीट की कोशिश की, जिसमें उनकी कमीज का बटन भी टूट गया। अभद्रता, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का भी ईओ ने आरोप लगाया है। इओ का कहना है कि कक्ष से भागकर उन्होंने जान बचाई। ईओ ने दोनों नेताओं के खिलाफ एसपी देवेंद्र पींचा से कार्रवाई का आग्रह किया। एसपी के निर्देश पर कोतवाल शांति प्रसाद गंगवार ने चेयरमैन वर्मा और सभासद भट्ट के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू करा दी है।
आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं ईओ: चेयरमैन
पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा का कहना है कि ईओ के आरोप बेबुनियाद हैं। वे आदेशों की लगातार अवहेलना कर रहे हैं। 28 अक्तूबर को निविदा निरस्त करने के आदेश दिए गए थे। ईओ ने आदेश की अनदेखी करते हुए विज्ञप्ति प्रकाशित नहीं की। इसके चलते गुरुवार को बोर्ड बैठक तय की गई थी, जिसमें निविदा निरस्त करने के साथ निविदा राशि ठेकेदारों को वापस करने, बिजली, सफाई, कबाड़ की नीलामी पर चर्चा होनी थी। इसी बीच बोर्ड बैठक से संबंधित रजिस्टर मांगा तो ईओ ने चाबी नहीं होने की बात कही। बैठक की जानकारी भी ईओ ने सभासदों को नहीं दी। उनके रवैये से विकास कार्यों पर असर पड़ रहा है। वहीं ईओ का कहना है कि उन पर गलत कार्यों के लिए बनाया जा रहा है।
ईओ के तबादले को धरना भी दे चुके हैं चेयरमैन
चम्पावत। ईओ भूपेंद्र प्रकाश जोशी की प्रतिनियुक्ति पर तीन महीने पहले ही चम्पावत नगर पालिका में तैनाती हुई है। वे संयुक्त कर्मचारी संघ के नेता रहे हैं। उनके आने के कुछ समय बाद ही ईओ और कांग्रेस से संबंध रखने वाले नगर पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा के बीच टकराव शुरू हो गया। अविश्ववास इस कदर बढ़ गया कि चेयरमैन ने पिछले महीने ईओ के तबादले के लिए धरना तक दिया। चर्चा है कि चेयरमैन तो हमेशा से ही नेता बनता है, इस बार ईओ भी नेता बन गया है। इस वजह से टकराव की नौबत आ रही है। कुछ लोग इसे भाजपा द्वारा जानबूझ कर किया गया कृत्य बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि भाजपा नेताओं की शह पर ही ईओ चम्पावत आए हैं और उनकी शह पर ही कांग्रेस के चेयरमैन को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।