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उत्तराखंड : बाघ के जंगल से बाहर कदम रखते ही AI करेगा अलर्ट, शुरू हुआ ट्रायल

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जंगल से सटे आबादी वाले इलाकों में एआई तकनीक और आधुनिक कैमरा ट्रैप से वन्यजीवों के मूवमेंट पर नजर रखने का शुरू किया गया है काम

देहरादून। उत्तराखंड में वन विभाग अब मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए परंपरागत तरीकों के साथ ही तकनीक का भी सहारा लेने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। विभाग को पहली बार बाघ, हाथी और तेंदुओं के जंगल से आबादी की ओर कदम बढ़ाते ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए अलर्ट मिल जाएगा। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एआई का ट्रायल करीब 10 दिन पूर्व से शुरू कर दिया गया है।

विभागीय अफसरों का कहना है कि प्रयोग सफल रहा तो विभाग दूसरे संवेदनशील जगहों पर भी इस तकनीक का इस्तेमाल करेगा। वन विभाग अब पुराने तरीकों के साथ ही तकनीक की तरफ भी कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। पहली बार एआई का इस्तेमाल विभाग ने शुरू किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव समीर सिन्हा कहते हैं कि जंगल से सटे आबादी वाले इलाकों में एआई तकनीक और आधुनिक कैमरा ट्रैप से वन्यजीवों के मूवमेंट पर नजर रखने का काम शुरू किया गया है। कार्बेट टाइगर के दो जगहों पर नए कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। अभी तक जो कैमरा ट्रैप होते थे, उनमें फोटो खिंचती थी और चिप निकालने के लिए जाना पड़ता था। बताया, अब जो नए कैमरे आए हैं, उनकी मेमोरी के अलावा बैटरी भी काफी समय तक चलती है। इन कैमरों में सिम और इंटरनेट सपोर्ट होता है। वे फोटो खींचने के बाद इंटरनेट के माध्यम से फोटो भेजते हैं। पर यह अभी उसी जगह पर कारगर होंगे जहां इंटरनेट की सुविधा होगी।

एआई इस तरह से करेगा पहचान
कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडोला कहते हैं कि इन कैमरों से फोटो हमारे यहां सर्वर पर पहुंचेगी। एआई तकनीक से वन्यजीव की पहचान कर फोटो खींचकर तत्काल अलर्ट भेजेगा। ऐसे में हमें वन्यजीव के आबादी वाले इलाके की तरफ मूवमेंट की जल्द सूचना मिलेगी। अलर्ट आने के बाद तत्काल ग्रामीणों और वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम को अलर्ट किया जा सकेगा। इससे घटनाओं में कमी लाने में मदद मिलेगी। बताया, कार्बेट टाइगर में दो जगहों पर एआई से कार्य शुरू किया गया है। कहा, अगर यह प्रयोग सफल रहा तो उसे दूसरे संवेदनशील स्थानों पर आजमाया जाएगा।

पिछले साल वन्यजीवों के हमले में 66 लोगों की हुई थी मौत
वन्यजीवों के हमले में हर साल कई लोगों की मौत होने और घायल होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। वर्ष 2022 वन्यजीवों के हमले में 82 लोगों की मौत हुई और 325 लोग घायल हुए। 2023 में 66 लोगों की मौत हुई और 325 लोग घायल हुए। इस वर्ष जुलाई तक वन्यजीवों के हमले में 29 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 148 भी घायल हुए हैं।