उत्तराखंड : धरने पर बैठे अंकिता के माता-पिता, बोले- सारे सबूत मिटा दिए, होनी चाहिए मामले की सीबीआई जांच
बेटी को न्याय दिलाने के लिए अंकिता भंडारी के परिजन ऋषिकेश में धरने पर बैठ गए हैं। सोमवार शाम कोयलघाटी स्थित धरनास्थल पर पहुंचे अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि उन्हें एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कहा कि मामले की सीबीआई जांच शुरू नहीं होने तक वह संघर्ष करते रहेंगे। रात आठ बजे अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी और मां सोनी देवी कोयलघाटी स्थित युवा न्याय संघर्ष समिति की ओर से दिए जा रहे धरनास्थल पर पहुंचे।
अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि घटना के अगले ही दिन घटनास्थल के सबूत नष्ट कर दिए गए थे। घटनास्थल के पास फैक्टरी के जिस कमरे में अन्य आरोपी रहते थे उसमें भी आग लगा दी गई। उन्होंने कहा की घटना से संबंधित सारे साक्ष्यों को नष्ट कर दिया गया है। एसआईटी इस मामले में जांच कर रही है। जब साक्ष्य ही खत्म हो गए तो आरोपियों को कठोर सजा कहां से मिलेगी। घटना के 10 दिन बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनसे मिलने के लिए उनके गांव में आए थे, उन्होंने ने भी आरोपियों को जल्द सजा दिलाने और इस केस का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का आश्वास दिया था। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। कहा कि इस मामले में जांच एजेंसियां दबाव में काम रही हैं। इससे न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। अंकिता की मां सोनी देवी ने रविवार रात को प्रशासन की ओर से शकुंतला देवी को धरनास्थल से बेरहमी से उठाने की घटना से वह आहत हैं। अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए युवा न्याय संघर्ष समिति की ओर से 41 दिन से कोयलघाटी में धरना दिया जा रहा है। समिति के सदस्य क्रमिक अनशन और आमरण अनशन कर रहे हैं। अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि मंगलवार को दिनभर वह धरनास्थल पर आंदोलनकारियों के साथ धरना देेंगे। वहीं अंकिता भंडारी के माता पिता के देर रात ऋषिकेश स्थित धरना स्थल पर पहुंचने की सूचना के बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन मुस्तैद हो गया।