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उत्तराखंड : सहायक निदेशक समाज कल्याण को किया गया निलंबित, पिछले कई दिनों से बंद हैं जेल में

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सहायक निदेशक के पद पर तैनात कांति राम जोशी को निलंबित कर दिया गया है। प्रमुख सचिव एल फैनई द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि टिहरी गढ़वाल में बहुद्देशीय शिविरों के आयोजन में की गई वित्तीय अनियमितताओं के संबंधित प्रकरण में थाना नई टिहरी में पंजीकृत मुकदमा और न्यायालय के आदेश के क्रम में पुलिस अभिरक्षा में लिए जाने के फलस्वरूप उत्तरांचल सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 2003 के अनुसार 48 घंटे की अवधि तक के लिए अभिरक्षा में निरूद्ध रहने के कारण कांति राम जोशी को दिनांक 10 फरवरी से निलंबित किया जाता है। गौरतलब है कि कांति राम जोशी पिछले 10 दिनों से जेल में बंद हैंं।

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कांतिराम जोशी टिहरी में वर्ष 2011 से 2013 तक जिला समाज कल्याण अधिकारी पद पर तैनात रहे थे। कांतिराम पर आरोप है कि टिहरी में तैनाती के दौरान उन्होंने विभागीय शिविरों और विभिन्न कार्यों के नाम पर बिना स्वीकृति सात लाख रुपये खर्च कर दिए। इस खर्च का वह ब्यौरा भी नहीं दे पाए। जांच में पाया गया कि सरकारी धन का गबन किया गया है, जिस पर वर्ष 2020 में तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अविनाश भदौरिया ने कांतिराम के विरुद्ध नई टिहरी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।

पुलिस ने लगाई एफआर, कोर्ट ने की खारिज
नई टिहरी पुलिस ने प्रकरण की विवेचना के बाद एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी थी। तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अविनाश भदौरिया ने एफआर पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कोर्ट से इसे खारिज करने की मांग की थी। प्रकरण पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस की एफआर को खारिज करते हुए कांतिराम जोशी को न्यायालय में पेश होने के आदेश दिए। 10 फरवरी 2023 को कांतिराम न्यायालय में पेश हुए और जमानत की याचिका लगाई। इसे अस्वीकार करते हुए कोर्ट ने कांतिराम को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।

कांतिराम पर आय से अधिक संपत्ति का भी मुकदमा
सहायक निदेशक कांतिराम जोशी का नाम विभिन्न विवादों में जुड़ता रहा है। उन पर सितंबर 2021 में विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा भी दर्ज किया है। यह कार्रवाई शासन की अनुमति के बाद की गई थी। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि प्रकरण में विजिलेंस की कार्रवाई कहां तक बढ़ी है। इससे पहले जनवरी 2019 में उन पर डालनवाला कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। उन पर आरोप है कि वर्ष 2001 में देहरादून के समाज कल्याण अधिकारी पद पर रहने के दौरान स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत प्रेमनगर चुंगी क्षेत्र में बनी दुकानों को अपात्रों को बांट दिया। कांतिराम जोशी पर विभाग के आइटी सेल के नोडल अधिकारी का पद संभालने के दौरान फर्नीचर घोटाले का भी आरोप है। वर्ष 2017 में आइटी सेल के लिए 98 हजार 928 रुपये के फर्नीचर खरीदे गए थे, लेकिन भुगतान के बाद भी यह फर्नीचर कार्यालय नहीं पहुंचे।

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