उत्तराखंड बोर्ड ने आखिरकार मानी अपनी गलती, छात्रा नेहा ममगांई को जारी की संशोधित मार्कशीट

देहरादून। जीआईसी बुल्लावाला की हाईस्कूल की छात्रा नेहा ममगांई का संघर्ष आखिरकार रंग लाया। उत्तराखंड बोर्ड ने नेहा की हाईस्कूल परीक्षा की मार्कशीट को संशोधित करते हुए विज्ञान में उसे 77 अंक दिए हैं। पहले मार्कशीट में केवल 28 अंक ही दर्ज किए गए थे। अब नेहा के अंक 421 से बढ़कर 470 हो गए हैं और कुल अंक प्रतिशत 84.2 से बढ़कर 94.0 तक पहुंच गया है।
कालेज प्रशासन ने मंगलवार को नेहा को उसकी नई मार्कशीट दी जारी की। बीते रोज ही बोर्ड कार्यालय से उसकी संशोधित मार्कशीट जारी की गई थी। आज नेहा के पिता हरिराम ममगांई भी कालेज गए। उन्होंने नेहा के संशोधित अंकों के आधार पर मैरिट में स्थान दिलाने की मांग की। साथ आंसरशीट का दोबारा मूल्यांकन करने की मांग भी की।
मालूम हो कि नेहा ने इस साल हाईस्कूल की परीक्षा दी थी। जब मार्कशीट आई तो नेहा और उसके परिजन नंबर देखकर हैरान रह गए। नेहा को विज्ञान विज्ञान विषय में 80 से 80 नंबर मिलने की उम्मीद थी, लेकिन मार्कशीट में केवल 28 नंबर दर्ज दी। नेहा ने तय प्रक्रिया के तहत बोर्ड से आंसरशीट मांगी तो देखा कि कापी पर उसके 76 अंक दर्ज थे। नेहा ने इस पर अपने स्कूल के मार्फत बोर्ड कार्यालय से शिकायत करते हुए संशोधित मार्कशीट जाारी करने की मांग की। बोर्ड सचिव नीता तिवारी का कहना है कि परीक्षक द्वारा आंसरशीट पर मूल्यांकन के बाद मार्कशीट के लिए तैयार की जाने वाले ओएमआर सीट पर गलत अंक भर दिए थे। इस वजह से यह दिक्कत आई।

दोषी परीक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होः शिक्षक संघ
देहरादून। राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय राजपूत ने शिक्षा महानिदेशक से गलत मूल्यांकन करने वाले परीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह एक छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ का मामला था। नेहा और उसके परिजन जागरूक थे, इसलिए उन्होंने बोर्ड से काफी लेकर जांच कर ली। तमाम बच्चे मार्कशीट के अंकों को अपनी नियती मानकर स्वीकार कर लेते हैं। इस प्रकरण से बोर्ड व मूल्यांकन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा है। वर्ष 2015-16 के दौरान भी इसी प्रकार गलत मूल्यांकन का मामला सामने आ चुका है। तब 60 से ज्यादा परीक्षकों पर कार्रवाई की गई थी।
