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उत्तराखंड : सीएम धामी ने स्पष्ट किया, सिर्फ सरकारी भर्ती परीक्षाओं में लागू होगा नकल विरोधी कानून

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में स्पष्ट किया कि नकल विरोधी कानून राज्य सरकार की भर्तियों के लिए अयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल और धांधली को रोकने के लिए लाया गया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ये कानून केवल सरकारी भर्ती के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं पर लागू होगा। स्कूलों और डिग्री कॉलेज की परिक्षाओं में ये लागू नहीं होगा।
सीएम के मुताबिक, विधि विभाग ने स्कूलों में भी इसे लागू करने की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने मानने से इन्कार कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अधिनियम 2023 कानून केवल उत्तराखंड लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की ओर से होने वाली सरकारी भर्ती परीक्षाओं पर लागू होगा। उन्होंने बताया कि बोर्ड और विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं पर यह कानून लागू नहीं होगा। इन परीक्षाओं में मौजूद नियम ही लागू रहेंगे। बताया कि कानून के दायरे को लेकर कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं, जबकि अध्यादेश की अधिसूचना में ही यह स्पष्ट किया गया है कि यह कानून किन परीक्षाओं पर लागू होगा।

परीक्षाओं में हुए पेपर लीक, इसलिए जरूरत पड़ी इस अध्यादेश की
कई प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक के मामले सामने आने पर इस अध्यादेश की जरूरत पड़ी। गौरतलब है कि उत्तराखंड में बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 43 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है।

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड