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उत्तराखंड : बिजली कनेक्शन में देरी पर उपभोक्ता को मुआवजा, वोल्टेज से टीवी-फ्रीज उपकरण फूंकने पर भी मिलेगा कैश

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उत्तराखंड में आम उपभोक्ताओं को बिजली के कनेक्शन अब 15 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से देने होंगे। यदि कनेक्शन तय समय पर नहीं दिया गया तो यूपीसीएल (UPCL) को उसके बाद उपभोक्ता को प्रतिदिन के हिसाब से पांच रुपये मुआवजा देगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) के कार्यकारी अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य एमके जैन की ओर से बुधवार को विद्युत नियामक भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि विद्युत नियामक आयोग की ओर से यूपीसीएल के कार्य निष्पादन के नियमों में बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि 15 सालों के बाद नियमों में बदलाव कर उपभोक्ताओं को राहत देने के प्रयास किए गए है। कई नई सेवाओं को भी समय सीमा के भीतर लाया गया है। जबकि कई की अवधि को कम किया गया है। उन्होंने कहा कि समय की जरूरत और उपभोक्ताओं को सेवा समय पर सुनिश्चित करने के लिए यह बदलाव किया गया है।
आयोग के नए नियमों के अनुसार फ्यूज उड़ने पर राज्य के शहरी क्षेत्रों में चार घंटे, ग्रामीण क्षेत्रों में आठ घंटे और ऐसे पर्वतीय क्षेत्र जो सड़क से नहीं जुड़े हैं वहां 12 घंटे के भीतर बिजली आपूर्ति सुचारु करनी होगी। यदि ऐसा नहीं हो पाता तो एक उपभोक्ता के मामले में 20 रुपये प्रति घंटा और पूरे क्षेत्र के मामले में 10 रुपये प्रति उपभोक्ता प्रति घंटा मुआवजा दिया जाएगा। इसी प्रकार बिजली लाइन के टूटने पर भी उसे जोड़कर बिजली आपूर्ति सुचारु करने की समयसीमा तय कर दी गई है
आयोग ने वोल्टेज की वजह से टीवी, फ्रीज और अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण फूंकने पर भी मुआवजा बढ़ा दिया है। 43 इंच से अधिक के कलर टीवी, पूरीतरह ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन, कम्प्यूटर, एयर कंडीश्नर, डिशवॉशर और 200 लीटर से अधिक का फ्रिज फूंकने पर अब मुआवजा 5000 रुपये कर दिया गया है। यह पहले अधिकतम पांच सौ रुपये था। इसी श्रेणी के छोटे या कम क्षमता के उपकरणों पर कम से कम एक हजार रुपये का मुआवजा तय किया गया है। यानी अब उपकरण फूंकने पर उपभोक्ताओं को एक हजार से पांच हजार रुपये तक मुआवजा मिलेगा। हालांकि इसके लिए आयोग की ओर से तय प्रक्रिया भी पूरी करनी होगी और बिल आदि भी दिखाने होंगे।

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