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उत्तराखंड को मिले नए समीक्षा अधिकारी और LT शिक्षक, मुख्यमंत्री धामी ने 1456 को सौंपे नियुक्ति पत्र

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UKPSC और UKSSSC के माध्यम से चयनित 1456 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भेंट किए। इस मौके पर उन्होंने सभी चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि ये उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इसके साथ ही राज्य के उज्ज्वल भविष्य की नींव निर्धारण के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को दून मेडिकल कॉलेज परिसर में आयोजित एक भव्य समारोह में 1456 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इनमें उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) के माध्यम से चयनित 109 समीक्षा अधिकारी (RO) एवं सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) शामिल हैं। इनके अलावा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) भर्ती के माध्यम से चयनित 1347 सहायक अध्यापक (एल.टी.) शामिल हैं। इस अवसर पर सभी चयनित अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई दी।

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पटवारी परीक्षा को किया गया रद्द

सीएम धामी ने हाल ही में हुए UKSSSC परीक्षा नकल प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की गई। सीएम धामी ने कहा कि ‘मैंने स्वयं युवाओं से धरनास्थल पर जाकर संवाद किया और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी हर न्यायोचित मांग पर सरकार सकारात्मक कार्रवाई करेगी।’ आरोपी को गिरफ्तार कर एसआईटी का गठन किया गया और युवाओं की मांग पर सीबीआई जांच की संस्तुति भी भेजी गई। उन्होंने बताया कि पारदर्शिता की नीति के तहत सरकार ने संबंधित परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया ताकि किसी भी ईमानदार अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो।

नियुक्तियों की प्रक्रिया निरंतर रहेगी जारी

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस अवसर पर नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रारंभिक चरण में दुर्गम क्षेत्रों में सेवा देना अनिवार्य होगा, जिससे राज्य के दूरस्थ इलाकों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रसार हो सके। उन्होंने बताया शिक्षा विभाग में नियुक्तियों की प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। प्रदेश में जल्द ही बीआरपी (ब्लॉक रिसोर्स पर्सन), सीआरपी (क्लस्टर रिसोर्स पर्सन), बेसिक अध्यापकों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति भी की जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह अवसर नियुक्त अभ्यर्थियों के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, साथ ही राज्य के उज्ज्वल भविष्य की नींव निर्धारण के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने नवनियुक्त कार्मिकों से अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा, पारदर्शिता और समर्पण के साथ करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि वह अपने कार्य क्षेत्र में उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य की शासन व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण आधार उसका प्रशासनिक तंत्र होता है। सचिवालय को राज्य की शासन व्यवस्था का मस्तिष्क कह सकते हैं, क्योंकि यहीं पर नीतियां बनती हैं, निर्णय लिए जाते हैं और विकास परियोजनाओं को धरातल पर उतारने का खाका तैयार किया जाता है। इस पूरी व्यवस्था को प्रभावी बनाने में समीक्षा अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब एक बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलती है, तो वह अपने जीवन को बेहतर बनाने के साथ समाज और देश के लिए भी अमूल्य योगदान देता है। शिक्षक का कर्तव्य है कि वह बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ ही उनके भीतर समाज और देश के प्रति जिम्मेदारी की भावना का भी संचार करें, जिससे वह अच्छे नागरिक बन सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। राज्य में विद्यालयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर डिजिटलाइजेशन तक, प्रत्येक स्तर पर व्यापक सुधार लाने के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार सालों में राज्य में 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी में सेवायोजित किया जा चुका है। यह संख्या राज्य गठन के पश्चात से पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में मिली कुल नौकरियों से दो गुना से भी अधिक हैं। आज हमारे युवा पारदर्शी व्यवस्था और मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियों में अवसर पा रहे हैं। हाल ही में हरिद्वार के एक परीक्षा सेंटर पर एक व्यक्ति द्वारा नकल का प्रकरण सामने आया था, सरकार ने त्वरित एक्शन लेते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया और मामले की जांच हेतु एसआईटी का गठन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के हितों की रक्षा के लिए और युवाओं की मांग पर सीबीआई जांच की संस्तुति प्रदान कर पेपर को निरस्त करने का भी निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं युवाओं के पास धरनास्थल पर जाकर उनकी सभी न्यायोचित मांगों को मानने का आश्वासन दिया।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा विभाग में नियुक्तियों का सिलसिला लगातार जारी रहेगा। जल्द ही बीआरपी, सीआरपी, बेसिक अध्यापकों और चतुर्थ श्रेणी में नियुक्तियां प्रदान की जायेंगी। उन्होंने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले अध्यापकों से कहा कि सबको दुर्गम क्षेत्रों में नियुक्ति प्रदान की जा रही है। कुछ साल सभी को अनिवार्य रूप से दुर्गम क्षेत्रों में ही सेवाएं देनी है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, विधायक विनोद चमोली, सचिव रविनाथ रामन, दीपेन्द्र चौधरी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।