उत्तराखण्डनवीनतमनैनीताल

कुंडा विधायक राजा भैया की पत्नी की जमीन को उत्तराखंड सरकार ने कब्जे में लिया, जानें क्या है पूरा मामला

ख़बर शेयर करें -

उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा नियम विरुद्ध खरीदी गई जमीनों की जांच की जा रही है, जिसको लेकर प्रशासन एक्शन मोड पर है

नैनीताल/उत्तराखंड। नैनीताल जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह की बेतालघाट ब्लॉक के सिल्टोना गांव में 0.555 हेक्टेयर भूमि को जब्त कर लिया है। अधिकारियों के अनुसार, यह भूमि कृषि प्रयोजन के लिए ली गई थी, लेकिन पिछले दो वर्षों से उस पर कृषि नहीं हो रही थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाहरी लोगों की भूमि की जांच करने के निर्देश दिए थे। इसमें स्पष्ट था कि भूमि जिस प्रयोजन के लिए ली गई है। उसी में प्रयोग की जाएगी। यदि प्रयोजन के विपरीत मिलती है तो उसको सरकार में निहित किया जाएगा। सीएम के निर्देशों के बाद नैनीताल जिले में इस तरह की बड़ी कार्रवाई हुई। जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा सीट के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी की भूमि को सरकार में निहित कर बाहरी लोगों की जमीनों की जांच शुरू कर दी है।

17 अगस्त 2006 को विधायक राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह निवासी 5 मदरी हाउस शाहनवाज रोड लखनऊ ने सिल्टोना गांव में 0.555 हेक्टेयर भूमि क्रय की और जिसकी रजिस्ट्री हुई थी। दाखिल खारिज में यह भूमि सात खसरों में दर्ज है। यह भूमि विशेष श्रेणी 1 (ग) में दर्ज थी। इस भूमि को कृषि प्रयोजन के लिए लिया गया था, लेकिन पिछले दो वर्षों से कृषि नहीं हो रही थी। जिसके बाद जिला प्रशासन ने भूमि को राज्य सरकार में निहित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

मामला कलेक्टर कोर्ट में चला, इसके विरोध में भानवी सिंह ने 27 जुलाई 2012 को राजस्व बोर्ड में अपील की थी। बाद में इसकी रिमांड बैंक करते हुए कलेक्टर कोर्ट में भेज दिया था। 25 जून 2024 को कलेक्टर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि अधिनियम 1950 उत्तराखंड की धारा 167 के अंतर्गत 0.555 हेक्टेयर भूमि को सरकार में निहित करने के आदेश दिए थे। भूमि पर प्रशासन ने कब्जा कर लिया है और दस्तावेजों में भी प्रशासन के नाम पर दर्ज हो गई है।

भानवी सिंह पत्नी रघुराज प्रताप सिंह निवासी 5 मदरी हाउस शाहनवाज रोड 6 लखनऊ के नाम पर सिल्टोना गांव में 0.555 हेक्टेयर भूमि थी। जिसे जिस प्रयोजन के लिए ली गई थी, उसका प्रयोग नहीं हो रहा था। कलेक्टर कोर्ट ने 25 जून को इसको सरकार में निहित करने के आदेश दिए थे। भूमि पर कब्जा लेने के साथ ही दस्तावेजों में भी अंकलन कर लिया गया है। विपिन पंत, उपजिलाधिकारी कोश्याकुटौली