उत्तराखंड : अपहरण कर किया होटल कारोबारी के बेटे का मर्डर
दिव्यांग किराएदार ने क्राइम सीरियल देख रची साजिश, साथी भी अरेस्ट
रुड़की। हरिद्वार जिले के पिरान कलियर थाना क्षेत्र से होटल कारोबारी नसीर के बेटे के किडनैपिंग केस का पुलिस ने खुलासा किया है। किडनैपिंग के बाद ही आरोपियों ने होटल कारोबारी के 20 साल के बेटे की हत्या कर दी थी और उसका शव गंगनहर में फेंक दिया था। हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने इस पूरे मामले का खुलासा किया।

पुलिस ने इस मामले में दो हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल पुलिस को होटल कारोबारी के बेटे का शव नहीं मिला है। शव की तलाश में गंगनहर में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बदमाशों ने होटल कारोबारी से बेटे को छोड़ने के लिए 25 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि पिरान कलियर थाना क्षेत्र के बेडपुर गांव निवासी 20 साल का अनवर बीते शनिवार (6 सितंबर) को घर से अपने होटल पिरान कलियर जाने के लिए निकला था, लेकिन वो होटल नहीं पहुंचा। शाम को 4 बजे से उसका मोबाइल फोन बंद आने लगा। अनवर का फोन बंद होने से उसके परिजनों को चिंता सताने लगी। जब देर रात तक अनवर वापस नहीं लौटा तो उसकी आसपास इलाके में तलाश शुरू की गई।

पुलिस के मुताबिक, शनिवार रात को अनवर के बहनोई (जीजा) जुबैर के मोबाइल पर लापता अनवर के फोन से कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने अनवर को जिंदा छोड़ने के लिए 25 लाख रुपए की फिरौती मांगी। इसके बाद अनवर के परिजनों के पैरों तले जमीन सरक गई। अनवर के परिजनों ने तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने पीड़ित पिता की तहरीर पर संबंधित धाराओं में केस दर्ज करते हुए मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने तत्काल सीआईयू और कलियर थाना प्रभारी निरीक्षक रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया।
एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए। इसी तरह पुलिस की अलग-अलग टीमें कड़ी से कड़ी जोड़ने में लग गईं। डिजिटल एविडेंस जुटा रही पुलिस टीम प्रारंभिक सुरागों के आधार पर होटल संचालक नसीर के यहां पिछले सात सालों से बतौर टेलर का काम कर रहे किराएदार अमजद (दिव्यांग) और उसके दोस्त फरमान उर्फ लालू तक पहुंची।
पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ शुरू की। पुलिस पूछताछ में दोनों दोस्तों ने कबूल किया कि उन्होंने ही रुपयों के लालच में आकर अनवर का किडनैप किया था। वारदात को अंजाम देने से पहले दोनों ने यू-ट्यूब में क्राइम सीरियल देखकर पहले अपहरण करने और पुलिस से बचने के तरीके सीखे। इसके बाद फिर मोटी रकम हाथ लगने की उम्मीद में होटल स्वामी के बेटे का अपहरण कर लिया।
पूछताछ के दौरान आरोपी अमजद (33 वर्ष पुत्र सफीक निवासी मुकर्बपुर थाना कलियर) और फरमान उर्फ लालू (32 वर्ष पुत्र यामीन निवासी मुस्तफाबाद थाना बहादराबाद) ने कुबूल करते हुए बताया कि उन दोनों ने शनिवार 4 बजे अपने टेलर की दुकान पर ही अनवर का गला दबाकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद उन्होंने अनवर की लाश को दुकान में ही रखे प्लास्टिक के बोरे में डाला। पुलिस ने बताया कि इसके बाद दोनों आरोपियों ने अनवर का लाश को बाइक की टंकी पर रखा, जिसके बाद फरमान अकेला ही धनौरी रोड तक लाश को बाइक पर लेकर गया, लेकिन बीच रास्ते में बाइक का टायर पंचर हो गया। इसके बाद फरमान ने अमजद को फोन कर बताया कि बाइक में पंचर हो गया है। फिर अमजद ने 300 रुपए किराये पर ई-रिक्शा लिया और खुद उसे चलाकर फरमान के पास पहुंचा।
पुलिस ने बताया कि धनौरी रोड से दोनों आरोपियों ने शव को ई-रिक्शा में डाला और सुमन नगर के पास गंगनहर में फेंक दिया। लाश को गंगनहर में फेंकने के बाद दोनों कलियर मेले में वापस आ गए। कुछ देर मेले में घूमने के बाद अमजद ने मृतक अनवर के मोबाइल से उसके जीजा को जुबैर को फोन किया।
पुलिस के अनुसार, हत्यारोपी अमजद ने फोन पर जीजा जुबैर को कहा कि आपका लड़का हमारे पास है, यदि उसे जिंदा चाहते हो तो कल तक 25 लाख रुपये की व्यवस्था कर लेना। जिसके बाद उसने मृतक के फोन को ऑफ कर दिया और घर चला गया। अगले दिन रुड़की आकर अमजद ने लगभग 4 बजे मृतक अनवर के फोन से ही उसके जीजा को कॉल की और 25 लाख रुपए के साथ पतंजलि फ्लाईओवर पर रात को एक बजे बुलाया। फिर वो कुछ देर पहले वहां पर रेकी करने गया, लेकिन जुबैर कहीं दिखाई नहीं दिया। इसके बाद आरोपी अमजद ने दोबारा मैसेज कर जीजा को भगवानपुर फ्लाईओवर पर रात 10 बजकर 30 मिनट पर बुलाया लेकिन वहां वो नहीं गया और उसके बाद फोन बंद कर घर चला गया।