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उत्तराखंड : 8 नवंबर को परिवहन व्यवसायी करेंगे बड़ा प्रदर्शन, मांगों को लेकर बोलेंगे हल्ला

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देहरादून। उत्तराखंड के परिवहन व्यवसायियों ने परिवहन विभाग की नीतियों के खिलाफ आगामी 8 नवंबर को देहरादून में बड़ा प्रदर्शन किए जाने की घोषणा की है। इस दिन परिवहन व्यवसाय से जुड़े कारोबारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शपथ पत्र भी भेजेंगे। साथ ही परिवहन व्यवसायियों ने अलग अलग मांगों को लेकर हल्ला बोलने की योजना बनाई है।

उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ के अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार, देवभूमि ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवान सिंह व ऑल उत्तराखंड मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह नेगी ने कहा परिवहन व्यवसाय उत्तराखंड में परिवहन व्यवसाय से हजारों लोग जुड़े हुए हैं। परिवहन व्यवसाय पलायन को रोकने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है, मगर इसके बावजूद पिछले 25 वर्षों से कोई ठोस नीति सरकार की तरफ से नहीं बनाई गई है।

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परिवहन कारोबारियों ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि अभी तक प्रदेश में परिवहन मंत्री नहीं बनाया गया है। यह मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है। उनके पास समय का बहुत अभाव रहता है। परिवहन से जुड़ी यूनियनों के पदाधिकारियों के लिए उनके पास मिलने का समय नहीं होता। इन स्थितियों में हम अपनी दिक्कतों को किसके सामने रखें। यूनियनों के पदाधिकारियों ने कहा परिवहन सचिव, आयुक्त और प्राधिकरण अध्यक्ष जैसे तीन-तीन पद एक ही अधिकारी बृजेश कुमार संत संभाल रहे हैं, अगर उनकी तरफ से परिवहन से जुड़े कोई आदेश आते हैं, और कारोबारी उस आदेश से संतुष्ट नहीं होते हैं तो फिर हम किसके पास अपनी समस्याओं को लेकर जाएं, क्योंकि तीनों पदों पर तो एक ही अधिकारी तैनात हैं।

उन्होंने राज्य सरकार से परिवहन आयुक्त और अपर परिवहन आयुक्त को बदलने की मांग की। उन्होंने ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन को प्राइवेट एजेंसी को सौंपे जाने, अत्यधिक दूरी पर सेंटर बनाने का विरोध भी किया है। टैक्सी मैक्सी महासंघ के अध्यक्ष ने मांग उठाई कि प्रत्येक परिवहन कार्यालय में एटीएस केंद्र बनाया जाए। हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी इसे लागू किया जाए। परिवहन व्यवसायियों ने उनसे पूछे बगैर 5% टैक्स बढ़ाये जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने आपदा की मार झेल रहे कारोबारियों पर टैक्स का बोझ डाले जाने का विरोध किया है।

महासंघ के प्रतिनिधियों ने कहा इस वर्ष दैवीय आपदा के कारण हमारे वाहन खड़े रहे। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें रोड टैक्स में छूट दी जाए। सरकार से बार-बार यह भी आग्रह किया जा रहा है कि परिवहन विभाग गोवा की तर्ज पर एक ऐसा सरकारी प्लेटफार्म बनाये, जिससे प्रदेश की जनता और यहां आने वाले पर्यटकों को टैक्सियां बुक करवाने में सुविधा मिल सके, मगर सरकार ने इस मांग को भी अनसुना किया है।