उत्तराखंड : भाजपा में शामिल हुए दो नेता आपस में भिड़े, एक का पत्र हो रहा वायरल, जानें क्या है पूरा मामला
देहरादून। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेताओं और निर्दलीयों को अपनी पार्टी में शामिल किया, लेकिन अब नेताओं में पार्टी के अंदर ही भिड़ंत शुरू हो गई है। टिहरी में किशोर उपाध्याय और दिनेश घनै के बीच लगातार जुबानी जंग जारी है। ऐसे में बीजेपी विधायक किशोर उपाध्याय का एक पत्र वायरल हो रहा है…
जिसमें कहा गया है कि… एक बैठक में हमारे सम्मानित साथी पूर्व मंत्री श्री दिनेश धनै जी ने आपका नाम लेते हुये मुझे आरोपित किया है कि मेरे एवं मेरे समर्थकों के टिहरी हाइड्रो डेवलमेंट कार्पोरेशन (इण्डिया) लिमिटेड में करोडों के ठेके चल रहे हैं। जिससे मुझे गहन पीड़ा तो हुयी है, अगर इस तरह की बातें लोगों के बीच हैं तो मेरी छवि पर भी गम्भीर नकारात्मक असर पड़ता है। बैठक में आदरणीय जिला अध्यक्ष श्री राजेश नौटियाल जी आदि उपस्थित थे। अतः मेरी अपेक्षा है कि इस सम्बन्ध में आपकी ओर से वस्तुस्थिति स्पष्ट होनी चाहिए तथा मेरी यह भी अपेक्षा रहेगी की आपके यहां कौन-कौन ठेकेदार कार्य कर रहे हैं और किसकी अनुशंसा पर कर रहे हैं। मुझे अवगत कराने का कष्ट करेंगें तो आभारी रहूंगा।
बोए पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय? : गरिमा मेहरा दसौनी
टिहरी से भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय के टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड के निदेशक को लिखी चिट्ठी पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने बयान जारी कर भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष किया है और कहा है कि दल बदल पर प्रदेश में रुझान आने लगे हैं। दसौनी ने कहा है कि जब बोए पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय? दसौनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड की राजनीतिक को निम्नतम स्तर पर पहुंचा दिया है। कभी जातिवाद कभी क्षेत्रवाद की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड को विश्व के मानस पटल पर कलंकित करने का काम किया है। तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड को अपनी प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल किया वह बहुत ही निंदनीय है और उसने उत्तराखंड की छवि को बहुत धूमिल करने का काम किया। गरिमा ने कहा कि कांग्रेस बहुत लंबे समय से इस बात को कह रही है कि जिस तरह से उत्तराखंड बीजेपी जॉइनिंग के कार्यक्रम करवा रही है वह अपने लिए ही कील बोने का काम कर रही है। विपक्ष मुक्त भारत का नारा देने वाले सत्ता के नशे में इतने अहंकारी हो गए कि उन्होंने अपने ही दल को विपक्ष युक्त कर लिया।