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लधीयाघाटी क्षेत्र के विद्यालयों को चौड़ा में संबद्ध किए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने बारिश के बीच किया प्रदर्शन

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लोहाघाट/चम्पावत। लधीयाघाटी क्षेत्र में शासन की ओर से प्रस्तावित उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना को लेकर ‘जन भूचाल’ आ गया है। साधनों एवं संसाधनों के अभाव के चलते घाटी से लगातार पलायन होता आ रहा है, लेकिन जब लोगों ने सुना कि जीआईसी टांड़ के बच्चों को 25 किमी दूर चौड़ा जीआईसी में समायोजित किया जा रहा है तो, वे गुस्से से तमतमा गए। उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है ।इस विद्यालय में ककनई, साल, तल्ला मल्ला टांड़ के बच्चे पढ़ने को आते हैं। इसी प्रकार मछीयाड़ के बच्चों को 10 किमी तथा बिनवाल गांव के बच्चों को 14 किमी दूर चौड़ा जीआईसी में ही संबंध करने का प्रस्ताव किया गया है।

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आज बुधवार को युवा समाजसेवी चंद्रशेखर गड़कोटी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बारिश के बीच जोरदार प्रदर्शन कर सरकार के फैसले का जमकर विरोध किया। विरोध करने वालों में 85 वर्षीय नित्यानंद बुबू, आनंदी आमा, बसंती, गंगा देवी, मीना देवी आदि का कहना था कि हम अपने बच्चों को मझधार में छोड़कर कहीं नहीं जा सकते हैं। लोगों में इस बात को लेकर भी गुस्सा था कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मॉडल जिले में यह सब क्यों? कैसे? और कौन कर रहा है?

गलतफहमी के कारण लोग हो रहे हैं आंदोलनरत : सीईओ

चम्पावत। मुख्य शिक्षा अधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट का कहना है की शासन द्वारा ‘उत्कृष्ट विद्यालय’ की स्थापना के पीछे यह मनसा रही है कि इन विद्यालयों को ऐसा नया रूप व स्वरूप दिया जाएगा कि जिसमें बच्चों को अच्छी प्रयोगशाला, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय आदि सभी सुविधाएं होगी जिससे बच्चों को उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिल सके। इन बच्चों को उनके गांव से लाने के लिए वकायदा बस सुविधा दी जाएगी। उनका यह भी कहना है कि यह महज एक प्रस्ताव है। जहां के लोग नहीं चाहेंगे उन पर जबरन यह प्रस्ताव नहीं थोपा जाएगा। उन्होंने स्वीकार किया की गलतफहमी के कारण जिले के अन्य स्थानों में भी लोग आक्रोशित हो रहे हैं।

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नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड