पेयजल के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाएंगे सूखीढांग क्षेत्र के ग्रामीण
चम्पावत। राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सूखीढांग में लोग पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं। पेयजल योजना का फुंका पंप पांच दिन बाद भी ठीक नहीं हुआ है। इस कारण लोग हैंडपंप पर ही निर्भर हो गए हैं। उन्होंने तुरंत व्यवस्था सुचारु नहीं करने पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आंदोलन की चेतावनी दी है। सूखीढांग क्षेत्र के धूरा, चौड़ाकोट, बयाला, तलियाबांज, गजार, मथियाबांज, अमगढ़ी, श्यामलाताल आदि गांवों के लोग पिछले पांच दिन से पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं। पंडित शंकरदत्त जोशी, सेनानी उत्तराधिकारी संगठन जिलाध्यक्ष महेश चौड़ाकोटी आदि का कहना है कि बीते तीन दिनों से हैंडपंप और नौलों से लोग पानी भर रहे थे लेकिन सोमवार शाम से ज्यादातर हैंडपंप जवाब दे गए। हैंडपंप में पानी बहुत कम आ रहा है। बीडीसी सदस्य राजेंद्र राना, मनोज कुमार, मोहन, मुकेश, बृजमोहन, नाथ सिंह ने तुरंत आपूर्ति सुचारु करने की मांग की है।
सूखीढांग क्षेत्र को श्यामलाताल पंपिंग योजना से पेयजल आपूर्ति होती है। कुछ दिन पहले इस योजना का पंप फुंक गया था। इस वजह से पानी की आपूर्ति पर असर पड़ा है। बुधवार शाम तक खामी दूर कर आपूर्ति सुचारु कर दी जाएगी। विलाल युनूस, ईई, जल संस्थान
पेयजल संकट झेल रही महिलाओं ने जल संस्थान के खिलाफ किया प्रदर्शन
लोहाघाट। नगर में पेयजल समस्या से जूझ रहीं महिलाओं ने जल संस्थान के खिलाफ गहरी नाराजगी जताई है। आक्रोशित महिलाओं ने पेयजल व्यवस्था सुचारु करने की मांग को लेकर पालिकाध्यक्ष गोविंद वर्मा को ज्ञापन देकर जल संस्थान के खिलाफ प्रदर्शन किया। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष लता वर्मा के नेतृत्व में महिलाओं का कहना था कि उन्हें सप्ताह में मात्र तीन दिन ही पानी मिल पा रहा है। उसमें से भी उन्हें 100 से 200 लीटर पानी ही मिल पाता है। महिलाओं ने जल संस्थान पर मनमाने ढंग से बिल भेजने का भी आरोप लगाया। कहा कि तीन माह में 3600 से लेकर 4000 रुपये तक पानी के बिल भेजे जा रहे हैं। चेयरमैन गोविंद वर्मा ने जिलाधिकारी और जल संस्थान के ईई को पत्र लिखकर जल्द समस्या का समाधान करने की मांग की। चेतावनी दी कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे जनता को साथ लेकर जल संस्थान के खिलाफ आंदोलन करने को बाध्य होंगे। ज्ञापन देने वालों में विनीता जोशी, सरिता रावत, बबीता रावत, बसंती देवी, विद्या जोशी, हेमलता मेहरा आदि शामिल रहीं।