सड़क के डामरीकरण में घटिया गुणवत्ता पर सीमांत के ग्रामीण भड़के, किया प्रदर्शन
जनपद चम्पावत के लोहाघाट विकास खंड में नेपाल सीमा को जोड़ने वाले बलूटा-पासम मार्ग पर डामरीकरण की घटिया गुणवत्ता से लोगों में नाराजगी है। रविवार को सड़क की दशा सुधारने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर इसके जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की। मांग नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई।
15 किमी लंबे बलूटा-पासम मार्ग पर कुछ साल पहले डामरीकरण का कार्य शुरू हुआ था। पांच किमी मार्ग पर डामरीकरण का काम ही पूरा हो सका है। इससे आगे का काम धीमी गति से चलने के साथ घटिया गुणवत्ता से किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि घटिया काम की शिकायत के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ और अब पुराना डामर भी उखड़ने लगा है।
ग्रामीणों ने नेपाल सीमा से लगे दुर्गम क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच और इसके लिए कसूरवार लोगों पर कार्रवाई की मांग की है। प्रदर्शन करने वालों में चंद्रकांत तिवारी, कमल बोहरा, कृष्णा बोहरा, प्रकाश सामंत, हिम्मत सिंह, बहादुर सिंह, मदन सिंह, पूरन सिंह आदि थे।
मामले में पीएमजीएसवाई चम्पावत के ईई अरविंद प्रसाद ने कहा है कि
बलूटा-पासम सड़क के दूसरे चरण में 6.61 करोड़ रुपये से डामर किया जा रहा है। घटिया डामर की शिकायत मिलने के बाद सड़क के निरीक्षण के लिए अभियंताओं की टीम भेजी गई है। साथ ही ठेकेदार को भी बुलाया गया है। गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर उसे ठीक कराया जाएगा।
