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सिर चढ़ कर बोल रहा वीआईपी नंबर का क्रेज : 15 लाख की थार के लिए 1.05 लाख में लिया नंबर

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गाड़ियां हो या मोबाइल नंबर का क्रेज पैसे वालों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। वीआईपी नंबर पाने के लिए वह ​कोई भी कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं। अपने मन पसंद अंकों को कुछ लोग शुभ मानते हैं तो कुछ लोग स्टेटस सिंबल समझते हैं। हल्द्वानी परिवहन विभाग कार्यालय से ऐसा ही एक नंबर एक लाख से अधिक रुपये देकर लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार परिवहन विभाग ने वर्ष 2022 में वीआईपी नंबर से 73 लाख 97 हजार रुपए की कमाई की है। जबकि वर्ष 2021 में वीआईपी नंबर से 55 लाख 80,000 रुपए की आमदनी हुई थी।
संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी ने बताया है कि लोगों में वीआईपी नंबर का क्रेज देखनेको मिल रहा है। जिसके लिए लोग ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं। यही नतीजा है कि इस बार भी फैंसी नंबर से परिवहन विभाग को अच्छी आमदनी हुई है। उन्होंने बताया है कि खासतौर पर लोग अपनी कार या बाइक के लिए भी अपना लकी नंबर या कोई वीआईपी नंबर लेना चाहते हैं। वहीं वीआईपी नंबर्स इस तरह के होते हैं 0001, 0002, 0003, 0007, 0777, 0786, 0004, 1122, 1111, 2222 आदि।

अगर आप भी अपनी कार या बाइक के लिए कोई वीआईपी या लकी नंबर लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने राज्य परिवहन विभाग को अतिरिक्त पैसा चुकाना होता है। जिसके लिए आप राज्य परिवहन विभाग के अधिकारी वेबसाइट पर आवेदन कर नंबर की बोली में प्रतिभाग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में जहां हल्द्वानी परिवहन विभाग से जारी होने वाले 0001 की बोली 1 लाख 10 हजार में गई थी, वहीं 35 लाख की इंडीवर कार के लिए नंबर जारी किया गया था। इस वर्ष 2022 में 0001 नंबर को 15 लाख की थार कार के नंबर के लिए एक लाख पांच हजार में अलॉट किया गया।