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चम्पावत : रीप ग्रामोत्थान के सहयोग से दो माह में महिलाओं ने अर्जित की एक लाख की आय

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महिलाएं फलों से बने वाइन व्यवसाय में बनीं साझेदार, 500 महिलाएं 35 समूहों से जुड़ीं

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चम्पावत। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में रीप ग्रामोत्थान के सहयोग से चम्पावत जनपद में एक अभिनव पहल की गई है। महिला विकास सीएलएफ खर्ककार्की चम्पावत एवं गोल्डन फन फूड्स एंड बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए अनुबंध के अंतर्गत, जिले की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं द्वारा उत्पादित फलों से वाइन निर्माण की प्रक्रिया में सहभागिता सुनिश्चित की गई है।

इस पहल में जनपद की कुल 20 पंजीकृत सामुदायिक स्तरीय संघों (CLF) की महिलाएं भाग ले रही हैं। प्रथम चरण में तीन प्रमुख सीएलएफ ‘महिला विकास सीएलएफ खर्ककार्की’, ‘समृद्धि सीएलएफ रोलमई’, ‘शिव महिमा सीएलएफ बमन जैल’ सक्रिय रूप से शामिल हैं। इन संगठनों के माध्यम से 35 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 500 महिलाएं इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ चुकी हैं।

अब तक करीब 2100 किलोग्राम फल (जैसे प्लम, आड़ू, खुबानी, आम आदि) और 48 दर्जन केले वाइन निर्माण हेतु कंपनी को उपलब्ध कराए जा चुके हैं। साथ ही यह फैक्ट्री अंगूर, नाशपाती, सेब व साइट्रस फलों से मौसम के अनुसार वाइन का उत्पादन भी करेगी। इससे जिले में फल उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा और किसानों को उचित मूल्य प्राप्त होगा। कंपनी द्वारा उपयोग किए जा रहे सभी फल स्थानीय स्तर पर ही उत्पादित किए गए हैं, जिससे जहां एक ओर किसानों की आमदनी में वृद्धि हो रही है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं को भी स्थायी आय के साधन उपलब्ध हो रहे हैं।

गोल्डन फन फूड्स एंड बेवरेज प्रा. लि. को जिलाधिकारी द्वारा विगत मई माह में लाइसेंस प्रदान किया गया था। वर्तमान में कंपनी द्वारा वाइन का उत्पादन शुरू किया जा चुका है, और शीघ्र ही आपूर्ति एवं वितरण की प्रक्रिया भी आरंभ की जाएगी। प्रारंभिक चरण में तैयार वाइन उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में भेजी जाएगी, और सफल संचालन के बाद इसका विस्तार देश के अन्य राज्यों तक किया जाएगा।

महिलाएं केवल फल ही नहीं, बल्कि स्थानीय उत्पाद जैसे दालें, सब्जियां आदि भी कंपनी को उपलब्ध कराएंगी, जिससे आय के नए स्रोत विकसित होंगे और स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा। अब तक इस साझेदारी के अंतर्गत 1,31,303 का व्यापार संपन्न हो चुका है, जिसमें से 1,00,000 का भुगतान संबंधित महिला समूहों को प्राप्त हो चुका है। यह समस्त कार्यवाही रीप ग्रामोत्थान की तकनीकी एवं संस्थागत सहायता से संभव हो पाई है, जो ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने और महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास हेतु सतत प्रयासरत है।

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