चम्पावत : जिलाधिकारी व अधिशासी अभियंता के प्रयासों से समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचा युवा
चम्पावत। सड़क मार्ग बंद होने का खामियाजा भुगतने का अनुभव हल्द्वानी के पीजी कॉलेज में परीक्षा देने जा रहे मल्ली चौकी के अजय सिंह बोहरा से अधिक किसे हो सकता है… ? अजय परीक्षा देने जब वैकल्पिक सड़क मार्ग से हल्द्वानी की ओर जा रहा था तो भारी वर्षा के कारण सड़क में लगातार भूस्खलन होने से वह सिप्टी में फस गया तथा वहां खड़ा होकर अपनी भविष्य को लेकर चिंतित था। सड़क खुलने पर ही वह समय से परीक्षा केंद्र नहीं पहुंच सकता था। इसी दौरान आपदा ग्रस्त क्षेत्र के ग्राउंड जीरो से भीगते आ रहे डीएम मनीष कुमार ने उसे देखा तो उन्होंने रुक कर उससे निराश व हताश होने कारण पूछा तो डी.एम की मानवीय संवेदनाएं उमड़ पड़ी तो और उन्हें अपने दिन याद आ गए कि किस प्रकार उन्होंने भी कठिनाइयां झेलते हुए ऊंचा मुकाम हासिल किया था।
अजय ने अपनी परेशानी बताई तो पहले डीएम साहब ने कॉलेज प्रशासन से बात करनी चाही, लेकिन कोई सक्षम अधिकारी नहीं मिला तथा नेटवर्क की भी प्रॉब्लम थी। अलबत्ता समय गवाने के बजाय उन्होंने रात में ही उसे हल्द्वानी भेजने की व्यवस्था की। संयोग से इस कार्य में लोहाघाट के लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता हितेश कांडपाल को भी पुण्य अर्जित करने का अवसर मिला और उनके प्रयासों से अजय समय से परीक्षा केंद्र पहुंच गया। अजय डीएम के आत्मिक व्यवहार एवं संस्कार से तब और प्रभावित हो गया जब परीक्षा से लौटने के बाद उन्होंने उसका हाल-चाल जाना। अजय का कहना है कि उन जैसे अनजान व्यक्ति से जिलाधिकारी ने जो मानवता का रिश्ता जोड़ा है उसकी याद उसके जीवन की धरोहर बन गई है। बाद में वह घर से ककड़ी ले जाकर जब जिलाधिकारी व अधिशासी अभियंता को देने गया तो उस समय दोनों को स्नेह की एक अनुभूति हुई। इस ककड़ी में श्रद्धा,सम्मान और अहसान का भाव छुपा हुआ था।