आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, टनकपुर में हुआ पांच दिनी कार्यशाल का आयोजन


टनकपुर। स्थानीय डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी संस्थान में उत्तराखंड तकनीकि विश्वविद्यालय देहरादून के TEQIP-III तत्वाधान में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का रविवार को समापन हुआ। AUTO CAD विषय पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ 24 फरवरी को हुआ था। कार्यशाला में अक्षय रावत एवं प्रवीण बिष्ट ने विशेषज्ञ के तौर पर संस्थान के चतुर्थ वर्ष के छात्र- छात्राओं को AUTO CAD के अंतर्गत आने वाले विभिन्न मॉड्यूल्स जैसे ड्रॉइंग एंड ड्राफ्टिंग, मोडिफ़ायिंग, आइसोमेट्रिक प्रोजेक्शन, प्लानिंग एंड ड्राइंग ऑफ रेजिडेंशियल बिल्डिंग्स, ड्राइंग ऑफ मशीन कंपोनेंट्स आदि पर प्रशिक्षण दिया। साथ ही प्रैक्टिकल भी कराए। ऑटो कैड सॉफ्टवेयर की विभिन्न कमांड जैसे सर्किल प्लाट, लाइन प्लाट आदि को ड्रॉ करने हेतु आवश्यक प्रोग्रामिंग को C++ भाषा में बताया गया। साथ ही इंडस्ट्रीज में प्रयोग में आने वाली कंप्यूटराइज्ड मशीनें जैसे सीएनसी ड्रिल मशीन, सीएनसी मिलिंग मशीन आदि की बेसिक प्रोग्रामिंग भी सिखाई गयी। संस्थान के निदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने संस्थान की ओर से विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया तथा बताया कि इंजीनियरिंग की किसी भी शाखा जैसे सिविल/मैकेनिकल या अन्य आदि में कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के बिना आगे का सफर मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। कार्यशाला के संयोजक अलप महर और हिमांशु साह रहे। संचालन तनुजा महर तथा मनीष चंद ने किया।


