उत्तराखंड में प्लास्टिक और थर्माकोल के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध, उपयोग करने पर लगेगा भारी जुर्माना
उत्तराखंड में प्लास्टिक और थर्माकोल के उपयोग को अब पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। मंगलवार को प्रमुख सचिव वन आनंद वर्द्धन की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। प्लास्टिक और थर्माकोल पर प्रतिबंध की नियमावली को कैबिनेट ने कुछ समय पूर्व ही मंजूरी दी थी। अब इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस अधिसूचना के तहत प्लास्टिक और थर्माकोल को प्रचलन से बाहर करने के लिए उत्पादन करने वालों को छह माह का समय दिया गया है। इस अधिसूचना के साथ ही प्रदेश में प्लास्टिक और थर्माकोल के निर्माण, उपयोग आदि पर प्रतिबंध लग गया है।
इन पर है प्रतिबंध
- प्लास्टिक, थर्माकोल और स्टारोफोम (एक तरह का प्लास्टिक) खरीदना, बेचना, बनाना, आयात, भंडारण आदि नहीं होगा। किसी भी आकार, मोटाई, माप, रंग के प्लास्टिक केरी बैग, रिसाइकिल प्लास्टिक से बनने वाले नॉन प्रोपाइल बैग (बायो कंपोस्टिबल प्लास्टिक बैग, 50 माइक्रोन से अधिक मोटाई के जैव अपशिष्ट के उपयोग में आने वाले बैगों पर यह प्रतिबंध नहीं होगा।)
- थर्माकोल से बने एकल उपयोग के प्लेट, थाली आदि, एकल उपयोग के खाद्य पदार्थों के कंटेनर।
रिसाइकिल कराना होगा प्लास्टिक
- शादी सहित अन्य समारोहों में प्लास्टिक को एकत्र करने और इस प्लास्टिक को रिसाइकिल करने के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पंजीकृत यूनिट को भेजना होगा।
- निकायों को किया जाएगा एकत्र करने का भुगतान।
- बोतलबंद पानी या शीतल पेय के लिए बोतल बनाने वाली संस्था या कंपनी को अपने बिक्री नेटवर्क के जरिये इनको वापस लेना होगा और इनके निस्तारण के लिए संबंधित निकाय को भुगतान करना होगा।
उत्पादन करने वालों को छह माह का समय
अधिसूचना में प्लास्टिक का उत्पादन करने वाली कंपनियों और अन्य को छह माह का समय दिया गया है। इस अवधि में उन्हें उत्पादन बंद करना होगा।
ये लगेगा जुुर्माना
उत्पादन करने वाले पर : पांच लाख रुपये
लाने-ले जाने वाले पर : दो लाख
खुदरा विक्रेता : एक लाख
व्यक्तिगत : 100 रुपये
ये होंगे जुर्माना लगाने के अधिकारी
जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, प्रभागीय अधिकारी, आयुक्त कर एवं परिवहन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी।