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प्राथमिक विद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों को हटाने की तैयारी, जारी किए गए आदेश

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देहरादून। राज्य में अब प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों को हटाने की तैयारी हो गई है। उन्हें समान श्रेणी के विद्यालयों में रिक्त पद नहीं होने की स्थिति में जरूरत के मुताबिक अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। सरकार के इस आदेश से दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विद्यालयों को राहत मिलेगी। साथ ही वर्षों से एक स्थान पर जमे शिक्षकों की मुसीबत आने वाली है।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। वजह बताई गई है कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र संख्या गिरने की वजह से बड़ी संख्या में शिक्षक सरप्लस हो गए हैं। ये संख्या दो हजार से ज्यादा बताई जा रही है। वहीं कई शिक्षक देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी समेत सुविधाजनक क्षेत्रों के विद्यालयों में कार्यरत हैं। छात्र संख्या के लिहाज से ऐसे सरप्लस शिक्षकों की संख्या अच्छी-खासी है। शिक्षा के अधिकार के मानक के मुताबिक छात्र व शिक्षक अनुपात का पालन करना सरकार के लिए बाध्यकारी है। शिक्षा सचिव के मुताबिक शिक्षा विभाग की ओर से कार्मिक से सरप्लस शिक्षकों के समायोजन को लेकर सहमति मांगी गई थी। कार्मिक ने इस संबंध में विभाग को सहमति दे दी है। मानक से अधिक कार्यरत शिक्षकों को समान श्रेणी के विद्यालयों में रिक्त पद उपलब्ध नहीं होने पर अन्यत्र विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा। इस संबंध में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं। समान श्रेणी के विद्यालयों में रिक्त पद उपलब्ध नहीं होने के कारण अधिकतम ठहराव से प्रारंभ कर शिक्षकों को दुर्गम से सुगम और सुगम से दुर्गम स्थानांतरित किया जाएगा।

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड