यूक्रेन से तिरंगा लेकर निकले उत्तराखंड के 45 भारतीय छात्र
रुद्रपुर। यूक्रेन में युद्ध के भीषण खतरे के बीच छात्रों ने कोई रास्ता न देख खुद ही वापसी का प्रयास शुरू कर दिया है। यूक्रेन में बढ़ रहे संकट से निजात पाने के लिए छात्रों ने हर हाल में भारत लौटने के लिए कदम आगे बढ़ा दिया है। तिरंगा लेकर 45 भारतीय छात्र यूक्रेन से वतन वापसी कर रहे हैं। यूक्रेन के टर्नोलिप शहर में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे अर्श मलिक ने बताया कि उन्होंने खुद प्रयास करके निजी बस बुक की है जिसमें तीन हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से सीट मिल पाई है। कुल चार छोटी बसों में करीब 45 भारतीय छात्र वापस लौटने के लिए निकल पड़े हैं।
छात्र जावेद ने बताया कि वह पोलैंड बॉर्डर पर जा रहे हैं। रास्ते में खाने का खर्च जावेद व अर्श मलिक वहन कर रहे हैं। जावेद ने बताया कि उनकी बात भारतीय दूतावास के एंबेसडर पंकज गर्ग से फोन पर हुई है। उन्हें पोलैंड बार्डर पर बुलाया गया है, जहां भारतीय दूतावास का दल उन्हें भारत भेजने की व्यवस्था करेगा। छात्रों ने बताया कि भीड़ ज्यादा होने के चलते पोलैंड में 20 से 24 घंटे का इंतजार भी करना पड़ सकता है। फिलहाल वह अतिशीघ्र ही यूक्रेन से निकल रहे हैं। वहीं प्रीत विहार में अर्श मलिक व जावेद के परिजन परेशान हैं। अर्श मलिक के पिता अकील अहमद ने बताया कि वह कई दिनों से खाना भी नहीं खा पा रहे हैं। पूरे परिवार में मायूसी है। इंद्रा कॉलोनी निवासी नासिर ने बताया कि उनकी 21 वर्षीय बेटी ऐश यूक्रेन के विनीशिया में रहकर एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। जाने के तीन महीने के अंदर ही युक्रेन में युद्ध का माहौल शुरू हो गया। उन्होंने बेटी के सुरक्षित घर वापस लाने की मांग भारत सरकार से की है।
यूक्रेन में फंसे ऊधमसिंह नगर के 24 लोग
रुद्रपुर। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां फंसे भारतीयों के परिजन बेहद चिंतित हैं। जिला प्रशासन ने परिजनों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने के बाद अब यूक्रेन में फंसे ऊधमसिंह नगर के 24 लोगों की सूची जारी कर दी है। जिनकी पूरी सूचना केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय को भेज दी गई है। जिससे उन्हें जल्द से जल्द देश वापस लाया जा सके। जिला प्रशासन के मुताबिक, खटीमा निवासी मिताली बिष्ट पोलटावा मेडिकल यूनिवर्सिटी में, भजन सिंह स्ट्रीट नंबर तीन टेमोपिल और ऋषभ लोहिया लवीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं। रुद्रपुर निवासी जावेद आलम तनौबिल यूनिवर्सिटी में, मो. ओसामा लवीव फ्रेंड्स यूनिवर्सिटी में, तनवी चौधरी समी स्टेट यूनिवर्सिटी में, चंदन जल्होत्रा 12 सिटी टर्नोलिप में, हर्षिता गोस्वामी तनौबिल यूनिवर्सिटी, नासिर विनीसिया मेडिकल यूनिवर्सिटी, सिमरन सिंह ओडेसा मेडिकल कॉलेज और मुशर्रफ मलिक ओडेसा मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं। नानकमत्ता निवासी मनदीप कौर खमेलनिटस्के हाईवे यूक्रेन में और लखविंदर सिंह प्रोमेंडा सेंटर किअू में रहते हैं। किच्छा निवासी अर्श मलिक स्ट्रीट मेडोवा नौ सिटी में और पारस अग्रवाल इवानो फ्रेंकिवस्क में, काशीपुर निवासी सुखबीर कौर विनिटसेया में और अनवर अली थेवोडोरा ड्रेजेरा में रहते हैं। बाजपुर निवासी मो. ताजिम कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में, काशीपुर निवासी अमहद शम्स अंसारी, मरियम अंसारी, अंजिला सैफी, रुद्रपुर निवासी प्रेरणा चौधरी, खटीमा निवासी अंकुर वर्मा, गदरपुर निवासी प्रदीप भी यूक्रेन में हैं।