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31 तक आवेदन करने वाले घोषित हों राज्य आंदोलनकारी, वंचित राज्य आंदोलनकारी संघ ने सीएम को भेजा ज्ञापन

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वंचित राज्य आंदोलनकारी संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश पांडेय।

चम्पावत। उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रियता से सहभागिता निभाने वाले वंचित राज्य आंदोलनकारियों को चिन्हित करने की पुरजोर मांग एक बार फिर मुख्यमंत्री से की गयी है। साथ ही कहा है कि 31 दिसंबर 2021 तक आवेदन करने वाले सभी लोगों को राज्य आंदोलनकारी घोषित किया जाए और इसके लिए राज्य आंदोलनकारी सलाहकार समिति ने भी सहमति जताई है। इस संबंध में वंचित राज्य आंदोलनकारी संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश चंद्र पांडेय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी को ज्ञापन भेजा है। जिसमें कहा गया है कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में हर वर्ग के लोगों ने संघर्ष कर इस लड़ाई को मुकाम पर पहुंचाया, परंतु अभी भी राज्य में ऐसे सैकड़ों आंदोलनकारी है जो मानकों की जद में नहीं आने से आजतक वंचित है। ऐसे लोगों के लिए 31 दिसंबर तक सीएम की ओर से दुबारा आवेदन करने के लिए बकायदा शासनादेश जारी हुआ और लोगों ने आवेदन किए है। लिहाजा आवेदन करने वाले सभी लोगों को राज्य सरकार आंदोलनकारी घोषित कर इस मामले का पटाक्षेप करे।
ज्ञापन में यह भी कहा है कि पूरे उत्तराखंड में जिस व्यक्ति ने भी आवेदन किया है उसने राज्य आंदोलन में अपनी भागीदारी पूरी ईमानदारी के साथ निभाई है। इनमें मातृशक्ति, छात्र, कर्मचारी संगठन, पत्रकार और ग्रामीणों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। साथ ही यह जिक्र भी किया है कि सीएम ने मानकों में शिथिलीकरण कर चिन्हीकरण का भरोसा उनसे मिलने के दौरान दिलाया भी है। इस मामले को लेकर राज्य आंदोलनकारी सलाहकार समिति के नवीन मुरारी, बसंत तड़ागी, भगीरथ भट्ट, गंगागिरी गोस्वामी, केडी सुतेड़ी के साथ ही पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मंदीप ढेक, भाष्कर मुरारी, सुनील गहतोड़ी, व्यापारी नेता दीपक तडागी लारा, पूर्व चेयरमैन प्रकाश तिवारी, भूपाल मेहता, सुनील साह, पूर्व जिप अध्यक्ष ललित पांडेय सहित तमाम जनप्रतिनिधियों ने वंचित राज्य आंदोलनकारी की मांग का सर्मथन कर सीएम से उनकी मांग को अमलीजामा पहनाने को कहा है।

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड