हथकड़ी समेत फरार शहनावाज 23 दिन हत्थे चढ़ा, काशीपुर में पुलिस को चकमा देकर हुआ था फरार नशा तस्कर
काशीपुर। हथकड़ी समेत फरार 25 हजार के ईनामी नशा तस्कर शहनावाज को एसओजी और काशीपुर पुलिस ने 23 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को पकड़ने में एसओजी सहित तीन टीमों ने यूपी और उत्तराखंड के चार जिलों की खाक छानी। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने कहा कि बदमाश को शरण और सहायता करने वालों को भी शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा। शातिर अपराधी को पकड़ने वाली पुलिस टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
बृहस्पतिवार को एसएसपी मंजू नाथ टीसी, एसपी अभय सिंह और सीओ वंदना वर्मा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि बृहस्पतिवार की सुबह एसपी अभय सिंह को मुखबिर से सूचना मिली कि फरार शहनावाज कुंडा थाना सीमा पर देखा गया है। एसपी के निर्देश पर कोतवाल मनोज रतूड़ी के नेतृत्व में एसआई देवेंद्र सामंत, कपिल कांबोज, संतोष देवरानी, मनोज जोशी और एसओजी प्रभारी रुद्रपुर निरीक्षक बिजेंद्र शाह, उप निरीक्षक भुवन चंद्र जोशी के नेतृत्व में टीम गठित की। टीम ने कुंडा से आगे जसपुर रोड पर एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ लिया। पूछताछ में काफी टालमटोल के बाद उसने अपना नाम शहनावाज निवासी ग्राम हकीकतपुर थाना नगीना जिला बिजनौर बताया। उसके पास से मय रस्सा हथकड़ी, 315 बोर का तमंचा और कारतूस बरामद हुआ।
यह है पूरा मामला
शहनावाज को अल्मोड़ा पुलिस ने इसी साल जनवरी में 27 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया था। तब से वह अल्मोड़ा जेल में बंद था। 20 जून को आरोपी शहनावाज की नगीना बिजनौर अदालत में तारीख थी। अल्मोड़ा पुलिस के तीन कर्मचारी शहनावाज को लेकर 20 जून को नगीना (बिजनौर) जा रहे थे। काशीपुर में रामनगर रोड स्थित एक होटल के पास शहनावाज पुलिस को झांसा देकर हथकड़ी सहित फरार हो गया था। अल्मोड़ा पुलिस टीम ने घटना की रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई। आरोपी को पकड़ने के लिए एसओजी रुद्रपुर और काशीपुर और अल्मोड़ा पुलिस की टीम तलाश में जुट गई। इधर एसएसपी अल्मोड़ा ने मामले में अपने तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। एसएसपी ने बताया पुलिस ने फरार बदमाश को पकड़ने के लिए उस पर 25 हजार का ईनाम घोषित कर दिया था। बावजूद इसके नशा तस्कर पुलिस टीम को छकाता रहा।
तेल और साबुन लगाकर निकाली हाथ से हथकड़ी
काशीपुर। नशा तस्कर शहनावाज ने पुलिस पूछताछ में बताया कि फरार होने के बाद उसने रास्ते में एक स्थान पर तेल व साबुन लगाकर हथकड़ी को निकाली। इसके बाद वह काशीपुर सीमा क्षेत्र से बाहर चला गया। इसके बाद वह रामपुर, बिजनौर, मुरादाबाद में कई स्थानों पर अपने परिचितों के यहां रुका था।