सीएम की घोषणा को लेकर प्रशासनिक कवायद शुरू, टनकपुर व बनबसा में हो सकता है सिडकुल का निर्माण
टनकपुर/बनबसा। क्षेत्र में सिडकुल की स्थापना की उम्मीद जगी है। सिडकुल और प्रशासन की टीम ने बुधवार को क्षेत्र में सिडकुल के लिए भूमि चयन करने के लिए सर्वे किया। सिडकुल की स्थापना के लिए चम्पावत जिले के मैदानी क्षेत्र में सिडकुल को करीब 200 एकड़ जमीन की जरूरत है। धनुषपुल के पूर्वी छोर स्थित वन विभाग की भूमि को फिलहाल उपयुक्त पाया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क्षेत्र में सिडकुल की स्थापना की घोषणा की थी। इस पर अमल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत सिडकुल के आरएम रविंद्र सिंह, सर्वेयर राकेश पांडेय, तहसीलदार पिंकी आर्य, राजस्व उपनिरीक्षक अमर सिंह मंगला, वीरेंद्र पुंडीर ने बुधवार को क्षेत्र में सिडकुल के लिए भूमि की तलाश की।
बताया गया है कि सिडकुल को यहां करीब 200 एकड़ जमीन की जरूरत है लेकिन छीनीगोठ में करीब साठ एकड़ और कठुवापाती में एक सौ एकड़ भूमि ही मिली। इस कम जमीन पर सिडकुल की स्थापना को असंभव बताया गया है। इसके बाद सर्वे दल ने धनुषपुल के पूर्वी छोर पर स्थित वन भूमि को देखा जो करीब 500 एकड़ है। इस भूमि का सिडकुल के लिए फिलहाल चयन कर लिया गया है। सिडकुल के सर्वेयर राकेश पांडेय ने बताया कि सिडकुल की ओर से रिपोर्ट तैयार कर सरकार के समक्ष रखी जाएगी। इसके बाद वन विभाग से भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी। क्षेत्र में सिडकुल की स्थापना से जिले के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
टनकपुर में सिडकुल निर्माण की कवायद का रास्ता साफ
मुख्यमंत्री घोषणा में शामिल सिडकुल की स्थापना की कवायद तेज हो गई है। शासन ने टनकपुर की दो जगहों को सिडकुल के लिए फाइनल कर लिया है। एक सप्ताह के भीतर विभिन्न विभागों के अधिकारियों का संयुक्त सर्वे होना है। जिसके बाद सिडकुल के निर्माण के लिए एक स्थान पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बीते डेढ़ सो दशक पूर्व से टनकपुर बनबसा में सिडकुल की मांग उठ रही थी। 18 जुलाई 2017 को टनकपुर दौरे पर आए तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बनबसा के कटवापाती में सिडकुल बनाने की घोषणा की थी, लेकिन 5 साल बाद भी सिडकुल स्थापना की शुरुआती कार्रवाई नहीं हो पाई। कटवापाती राजस्व विभाग के अभिलेखों में राजस्व ग्राम के रूप में दर्ज है। यहां पर पुल के निर्माण की कवायद तो हुई लेकिन वन विभाग की आपत्ति और अन्य तकनीकी खामियों के चलते इस जगह को किल कर दिया गया था। जिसके बाद वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव के दौरान सिडकुल को स्थापित करने की घोषणा की थी। अधिकारियों ने 5 जगहों पर सर्वे की बात कहते हुए शासन को संबंधित रिपोर्ट भेजी। जिसमें से शासन ने अब दो जगह छीनीगोठ और एनएचपीसी सैलानी गोट की भूमि का फाइनल चिन्हीकरण कर लिया। सप्ताह के भीतर प्रशासन वन विभाग उद्योग विभाग संयुक्त निरीक्षण करके शासन को रिपोर्ट भेजेगा।
सिडकुल के लिए शासन ने टनकपुर में दो जगहों को चिन्हित कर लिया है। जिसमें छीनीगोठ व सैलानीगोठ शामिल हैं। अब प्रशासन वन विभाग उद्योग विभाग संयुक्त निरीक्षण के बाद सर्वे रिपोर्ट उच्च अधिकारी को सौंपेंगे। जिसके बाद शासन को फाइनल रिपोर्ट जाते ही फैसला हो जाएगा कि सिडकुल की स्थापना कहां पर होगी।
हिमांशु कफल्टिया उप जिलाधिकारी मां पूर्णागिरि तहसील टनकपुर