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आल वैदर रोड : पिथौरागढ़ और लोहाघाट में बाईपास के लिए होगा दोबारा सर्वे

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चम्पावत। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड की ओर से टनकपुर से पिथौरागढ़ तक बनाई जा रही आल वैदर रोड पर पिथौरागढ़ और लोहाघाट में प्रस्तावित बाईपास निर्माण को लेकर दोबारा सर्वे कराया जाएगा। एनएच की ओर से आल वैदर रोड पर चम्पावत, लोहाघाट और पिथौरागढ़ में बाईपास प्रस्तावित किए गए थे, लेकिन पिथौरागढ़ और लोहाघाट के प्रस्तावित बाईपास में पेड़ों के अधिक संख्या में आने से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से प्रस्तावों की डीपीआर को खारिज कर दिया गया था। वहीं चम्पावत बाईपास को लेकर डीपीआर राजमार्ग प्राधिकरण को भेजी गई है।
एनएच के ईई सुनील कुमार के अनुसार डेढ़ हजार करोड़ की लागत से बन रही 136 किमी लंबी बारहमासी सड़क की चौड़ाई में भी इजाफा किया जाना है। बारहमासी सड़क पर चार पैकेज के तहत नवंबर 2017 से शुरू काम को नवंबर 2019 में पूरा होना था, लेकिन कोरोना महामारी और आपदा के कारण सड़क का निर्माण निर्धारित समय में पूरा नहीं हो पाया है। अब निर्माण कार्य की तिथि को मई 2023 तक बढ़ा दिया गया है।
आल वैदर रोड पर चम्पावत बाईपास की डीपीआर प्राधिकरण को भेजी गई है, जबकि लोहाघाट और पिथौरागढ़ में प्रस्तावित बाईपास निर्माण के लिए दोबारा सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जल्द ही दोनों स्थानों पर बाईपास की नई डीपीआर तैयार की जाएगी।

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आठ हजार से अधिक पेड़ों के कारण रुका बाईपास निर्माण
चम्पावत। पिथौरागढ़ और लोहाघाट बाईपास में आठ हजार से अधिक पेड़ आने के कारण एनजीटी ने प्रस्ताव को खारिज कर दोबारा सर्वे के निर्देश दिए हैं। एनएच की ओर से पूर्व में किए गए सर्वे के अनुसार लोहाघाट में 9.91 किमी में 4120 पेड़ और पिथौरागढ़ में प्रस्तावित 17.30 किमी के बाईपास में 4300 पेड़ आ रहे थे, जबकि चम्पावत में 9.05 किमी के प्रस्तावित बाईपास की जद में सबसे कम 2173 पेड़ ही आ रहे हैं।

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