जनपद चम्पावत

बाघ की दहशत के बीच अब ग्रामीणों के साथ जंगल में हांका लगाएंगे जिले भर के वनकर्मी

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चंपावत के ढकना बडोला के जंगल में कांबिंग करते वनकर्मी।

चम्पावत। जिला मुख्यालय के ढकना बडोला क्षेत्र में बीते 18 दिनों से बाघ की दहशत बरकरार है। इसको लेकर अब जिले भर के वनकर्मी ग्रामीणों के साथ जंगल में हांका लगाएंगे। मालूम हो कि छह दिसंबर को बाघ ने ढकना बडोला की महिला मीना देवी (38) को उस समय हमला कर मौत के घाट उतार दिया था, जब महिला जंगल में चारा पत्ती लेने के लिए गई थी। उसके बाद वन विभाग की ओर से क्षेत्र के जंगल में पिंजरा लगाने के साथ दस स्थानों पर ट्रैप कैमरे लगाकर बाघ की लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास किया गया। पहले दिन एक कैमरे में बाघ की तस्वीर तो कैद हो गई, लेकिन तब से बाघ गायब हो गया। प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल ने बताया कि अब तक बाघ पिंजरे के आसपास भी नहीं फटका है। अब शनिवार से जिले की सभी रेंजों के वनकर्मियों और ग्रामीणों की ओर से जंगल में जाकर हांका लगाया जाएगा। बृहस्पतिवार को वन क्षेत्राधिकारी हेम चंद्र गहतोड़ी के नेतृत्व में वन कर्मियों ने जंगल में कांबिंग करते हुए ट्रैप कैमरे चेक किए गए, जिसमें बाघ नहीं दिखा है।

ग्रामीणों और महिलाओं का जंगल जाना हुआ बंद
चम्पावत। बाघ के हमले के बाद ढकना बडोला के ग्रामीणों और महिलाओं का जंगल जाना पूरी तरह से बंद हो गया है। ग्राम प्रधान हीरा देवी, पूर्व प्रधान विनोद सिंह चौधरी, ईश्वरी देवी, विक्रम सिंह आदि का कहना है कि क्षेत्र में बाघ की दहशत के कारण लोगों ने चारे और लकड़ी आदि के लिए जंगल जाना छोड़ दिया है। उन्होंने प्रशासन और वन विभाग से हमलावर बाघ को जल्द पकड़ने की मांग उठाई है।

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड