पंजाब में ‘आप’ की एक और बड़ी जीत # राज्यसभा के पांचों उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए, हरभजन व राघव समेत ये दिग्गज बने सांसद
पंजाब में विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी को एक और बड़ी जीत मिली है। राज्यसभा की पांच सीटों पर खड़े आप के प्रत्याशियों को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया है। द्विवार्षिक चुनाव के लिए नामांकन के अंतिम दिन किसी भी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया। इसके बाद आयोग ने नतीजों की घोषणा की। पंजाब विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी सुरिंदर पाल ने यह जानकारी दी है कि राज्यसभा पंजाब 2022 के लिए द्विवार्षिक चुनाव प्रक्रिया पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. एस करुणा राजू की देखरेख में किए जा रहे हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें राज्यसभा चुनाव का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। उन्होंने बताया कि 24 मार्च को दोपहर तीन बजे तक किसी भी प्रत्याशी ने अपना नामांकन पत्र वापस नहीं लिया। इसके बाद प्रोफेसर संदीप कुमार पाठक, राघव चड्ढा, हरभजन सिंह, अशोक मित्तल और संजीव अरोड़ा को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है।
अशोक मित्तल: प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के संस्थापक चांसलर हैं। शिक्षण संस्थान से पहले वे ऑटोमोबाइल के कारोबार से जुड़े थे। शिक्षा, मिठाई और ऑटोमोबाइल को मिलाकर लवली ग्रुप का सालाना टर्नओवर करीब 850 करोड़ रुपये है।
संजीव अरोड़ा: कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट चलाते हैं, जिसे उन्होंने अपने माता-पिता के कैंसर के कारण जान गंवाने के बाद स्थापित किया था। हालांकि उनका मुख्य व्यवसाय एक्सपोर्ट का है।
राघव चड्ढा: दिल्ली से विधायक और पंजाब में पार्टी के सह प्रभारी। जनलोकपाल आंदोलन के वक्त से ही वह अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़े रहे। महज 22 साल की उम्र में राष्ट्रीय प्रवक्ता बने। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में जल सुधारों का नेतृत्व किया है। लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से स्नातक हैं।
हरभजन सिंह: भारत के स्पिनर साल 1998 से 2016 के बीच भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे हैं। अर्जुन और पद्मश्री से सम्मानित हरभजन सिंह स्माइल ट्रेन फाउंडेशन और तेरा-तेरा फाउंडेशन के माध्यम से अभावग्रस्त बच्चों के उत्थान के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
संदीप पाठक: आईआईटी दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर। साल 2015-16 में पार्टी के साथ जुड़े। बीते तीन साल से वह पंजाब में संगठन को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीदवारों के चयन समेत पार्टी के प्रचार रणनीति को भी आकार देने में अहम भूमिका अदा की।