धराली आपदा : गंगनानी में बीआरओ ने तैयार किया वैली ब्रिज, पैदल आवाजाही शुरू
उत्तरकाशी। धराली आपदा के बाद गंगोत्री राजमार्ग पर गंगनानी के पास लिम्चागाड़ के पास हाईवे का आधा हिस्सा बह गया था। जिसके बाद बीआरओ ने वैली ब्रिज निर्माण कार्य तेजी से कर रहा है। रविवार को वैली ब्रिज पर पैदल आवाजाही शुरू हो गई है। प्रशासन देर शाम तक वाहनों की आवाजाही के लिए खोलने का दावा कर रहा है। वहीं गंगोत्री हाईवे को बीआरओ तीन से चार दिन में खोलने का दावा कर रहा है।
धराली आपदा के बाद गंगोत्री हाईवे सोनगाड़, डबरानी, हर्षिल, धराली आदि स्थानों पर अवरूद्ध हुआ था। गंगोत्री हाईवे छठवें दिन हाईवे को बंद हुआ हो गया है। जिससे हर्षिल क्षेत्र के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लोग सड़क टूटने पर कई किमी दूर पैदल मार्ग हो कर जिला मुख्यालय में पहुंच रहे हैं। हालांकि, प्रशासन वहां पर फंसे तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों को हेली सेवा के माध्यम मातली और चिन्यालीसौड़ पहुंचा रहे हैं। कुछ स्थानीय लोग पैदल चलकर जिला मुख्यालय तक पहुंच रहे हैं।
पांच अगस्त को धराली आपदा से भागीरथी नदी का जलस्तार बढ़ गया था। जिससे डबरानी से सोनगाड़ के बीच हाईवे का करीब 250 मीटर हिस्सा वॉश आउट हो गया था। वहीं गंगनानी के पास भी लिम्चागाड के पास हाईवे का आधा हिस्सा साफ हो गया था। यहां पर बीआरओ ने वैली ब्रिज तैयार किया है। जिससे पैदल आवाजाही के लिए तो खोल दिया गया। अभी तक वाहनों की आवाजाही इस पुल से नहीं हो रही है। डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि गंगनानी के पास लिम्चागाड पर वैली ब्रिज को पैदल आवाजाही के लिए खोला गया है। संभवतया देर शाम तक वाहनों के लिए भी खुल जायेगा। वहीं डबरानी से सोनगाड़ के बीच अभी तीन से चार दिन लग सकता है।
बता दें कि पांच अगस्त दोपहर को करीब 1.30 बजे खीरगंगा में पहाड़ी से अचानक पानी के सैलाब के साथ मलबा भी किया, जिसने पलभर में पूरे बाजार को खत्म कर दिया। पानी का सैलाब और मलबा इतनी तेजी से नीचे आया था कि लोगों को भागने तक का भी मौका नहीं मिला। पलभर में पूरा बाजार मलबे के ढेर में दब गया।
