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चमोली हादसा : विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम की निगरानी में चल रहा झुलसे लोगों का उपचार, सीएम धामी ने जाना हालचाल

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चमोली में करंट फैलने से हुई दर्दनाक घटना के झुलसे छह लोगों को इलाज के लिए एम्स की ट्रामा इमरजेंसी में भर्ती किया गया है। सभी को अगले 12 घंटे तक वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम की निगरानी में रखा गया है। एम्स अस्पताल प्रशासन की ओर से घायलों के बेहतर इलाज के लिए ट्रामा विभाग के चिकित्सकों सहित इमरजेंसी मेडिसिन, बर्न और प्लास्टिक विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित की गई है।

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बुधवार की सुबह उत्तराखंड के चमोली बाजार के पास अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइड पर अचानक करंट फैलने से हुए दर्दनाक हादसे के झुलसे लोगों को दोपहर बाद अलग-अलग तीन हेली एंबुलेंस के माध्यम से एम्स पहुंचाया गया। एम्स ऋषिकेश प्रशासन के संबंधित सभी विभागों को अलर्ट में रखा गया। दोपहर करीब 2 बजे के बाद हेली एंबुलेंसों के माध्यम से झुलसे लोगों के एम्स पहुंचना शुरू हो गया। विभिन्न विभागों की चिकित्सकों की टीम ने झुलसे लोगों का तत्काल इलाज करना शुरू कर दिया।

ट्रामा विभाग के सर्जन डाॅक्टर मधुर उनियाल ने बताया कि झुलसने वालों में रुद्रप्रयाग जल संस्थान गोपेश्वर में कार्यरत जेई संदीप मेहरा पुत्र सुलोचन लाल (34 वर्ष) और हरमनी गोपेश्वर चमोली निवासी सुशील (35 वर्ष) पुत्र सुदामालाल अभी पूरी तरह सेंस में नहीं हैं। जबकि अन्य 4 लोगों में पाडूली गोपेश्वर चमोली निवासी आनंद कुमार (45 वर्ष) पुत्र गम्मालाल, हरमनी गोपेश्वर चमोली निवासी नरेन्द्र लाल (35 वर्ष) पुत्र असीलदास, खुनेरी गोपेश्वर चमोली निवासी रामचंद्र (48 वर्ष) पुत्र पुष्कर लाल और खुनेरी गोपेश्वर चमोली निवासी महेश कुमार (32 वर्ष) पुत्र रूपदास भी विद्युत प्रवाह की चपेट में आने से झुलसे हैं।

संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने इलाज कर रहे डाॅक्टरों की टीम को निर्देशित किया है कि घायलों के इलाज में किसी प्रकार की कमी नहीं की जाए। इलाज करने वाली टीम में बर्न और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर विशाल मागो, ट्रॉमा विभाग के डॉक्टर मधुर उनियाल व डॉक्टर नीरज कुमार सहित अन्य विभागों के चिकित्सक शामिल हैं।

सीएम समेत कई नेता पहुंचे एम्स
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, नगर विकास एवं वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र प्रसाद भट्ट, मेयर अनीता ममगाईं और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने भी एम्स पहुंचकर घायलों का हाल चाल जाना।

सभी झुलसे लोगों को ट्रामा इमरजेंसी के रेड जोन में भर्ती किया गया है। बर्न केस के मामले में अंदरूनी जख्मों की गंभीरता के मामले में बिना जांच के कुछ कहा नहीं जा सकता। सभी की सघन जांच की जा रही है। उसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। इसलिए अगले 12 घंटे तक उनको चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। डॉ. मधुर उनियाल, सर्जन ट्रामा विभाग

प्रत्यक्षदर्शी बोले- अचानक फैला करंट, जैसे-तैसे खोला दरवाजा, कई अलकनंदा में कूद गए
चमोली से एम्स ऋषिकेश एयर लिफ्ट कर लाए गए छह लोगों के साथ पहुंचे परिजनों ने नमामि गंगे के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन करने वाली आउटसोर्स एजेंसी और यूपीसीएल को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। चमोली जिले के सेम डूंगरा गांव से आए दीपक फर्स्वाण बताते हैं कि मंगलवार रात को हरमनी गांव के युवक की प्लांट परिसर में मौत हो गई थी। सूचना मिली तो ग्रामीण सुबह प्लांट गए। मृतक के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा और उसके भाई को सरकारी नौकरी देने के लिए प्रदर्शन करने लगे। विरोध देख स्थानीय प्रशासन और पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंचे थे। इसी बीच प्लांट की अचानक बिजली ऑन हो गई और शॉर्ट सर्किट हो गया। कई लोग करंट की चपेट में आ गए। जैसे-तैसे धक्का मारकर वहां पर दरवाजा खुलवाया। इस दौरान कुछ लोग भागते हुए जान बचाने के लिए अलकनंदा नदी में भी कूद गए। आरोप लगाया कि कार्यदायी संस्था ने वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे।

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