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चम्पावत : विकास कार्यों में वन आपत्ति का निस्तारण लंबित रखने वाले अफसरों के खिलाफ होगी कार्यवाही, डीएम ने समीक्षा बैठक में दी चेतावनी

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चम्पावत। जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे ने जिला कार्यालय सभागार में विभिन्न विभागों के अंतर्गत स्वीकृत विकास कार्य जिनमें वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति लंबित हैं, उनकी समीक्षा करते हुए सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला स्तर पर एक भी प्रकरण अधिक समय तक लंबित न रखा जाय। विभागवार समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि भारत सरकार स्तर से कई प्रस्तावों पर आपत्ति लगाकर उन्हें लौटा दिया जाता है, जो जनपद स्तर पर काफी समय तक लंबित रह जाती है, जिससे उस योजना का निर्माण कार्य समय पर नहीं हो पाता है और उसका लाभ संबंधित जनता को भी नहीं मिल पाता है। इस हेतु उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन भूमि हस्तांतरण के जिन प्रस्तावों को शासन/नोडल एवं भारत सरकार को भेजे जाएं।

डीएम ने कहा कि संबंधित विभाग व वन विभाग आपसी समन्वय से इनका जिला स्तर पर ही भली भांति परीक्षण कर लें तभी आगे भेजें, ताकि आपत्ति न लगे। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन प्रस्तावों में आपत्तियां प्राप्त होती हैं संबंधित विभाग की जिम्मेदारी होगी कि वह तत्काल अथवा एक मांह के भीतर उन आपत्तियों का निस्तारण कर उच्च स्तर को भेजें। अधिक समय तक जो भी अधिकारी इन प्रस्तावों को लंबित रखेंगे उनके विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि आपत्तियों का समाधान हो, इस हेतु वन विभाग व सम्बंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। विभिन्न सड़क मार्गों के लंबित वन भूमि हस्तांतरण प्रकरणों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने लोनिवि व पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्षेत्र के विकास के लिए सड़कों का होना अति आवश्यकीय होता है। इस हेतु अधिकारी इस कार्य को प्राथमिकता से पूर्ण करें। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सभी विभागों को वन भूमि हस्तांतरण के लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए।


बैठक में अवगत कराया कि जिले में विभिन्न विभागों के अंतर्गत कुल 47 योजनाओं के वन भूमि के प्रस्ताव विभिन्न स्तरों पर वर्तमान में लंबित हैं। इन लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा की भारत सरकार/नोडल एवं शासन स्तर से यदि वन भूमि के प्रकरणों में आपत्तियां प्राप्त होती हैं तो उनका तत्काल निराकरण कर पुनः प्रस्ताव जनपद स्तर से शासन को भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि वन भूमि के कोई भी प्रकरण जनपद स्तर पर लंबित न रहे इस हेतु संबंधित विभाग और वन विभाग आपसी समन्वय के साथ प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र भेजें। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल, एसडीओ नेहा चौधरी, लोनिवि, सिंचाई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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