जनपद चम्पावतनवीनतम

कूड़ा निस्तारण के मामले में भी आदर्श बनेगा चम्पावत जिला, कार्याशाला का हुआ आयोजन, डीएम ने अधिशासी अधिकारियों को 15 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश

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चम्पावत। गुरुवार को जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण योजना पर परामर्शी एक दिवशीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में आए गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक पर्यावरण आंकलन व केंद्र अध्यक्ष जलवायु परिवर्तन डॉ. जेसी. कुनियाल ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल के निर्देश पर उत्तराखंड के सभी जिलों की पर्यावरण योजना बनाई जानी है। इसी के क्रम में उन्होंने बताया कि जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी के वैज्ञानिकों द्वारा सभी जिलों की पर्यावरण योजना को ड्राफ्ट के रूप में संपूर्ण कर लिया है। जिसके तहत ठोस कचरे का प्रबंधन, बायो मेडिकल वेस्ट, इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट के साथ ही अन्य वेस्ट का प्रबंधन भविष्य में वैज्ञानिक तरीके से समायोजन किया जाना है। डॉ. कुनियाल ने बताया की प्रथम चरण में कुमाऊं के सभी जिलों की पर्यावरण योजना पर विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा होनी है।
जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुनील नौटियाल ने वर्चुअली यह जानकारी दी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जो आदर्श चम्पावत जिला बनाने की योजना है उसमें जिले की पर्यावरणीय योजना से महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। साथ ही आदर्श चम्पावत जिला बनाने में हमारे संस्थान के द्वारा जो भी शोध कार्यों की आवश्यकता होगी संस्थान उसमें अपना पूरा सहयोग प्रदान करेगा। कार्यशाला में जिलाधिकारी, डीएफओ, सीडीओ, अल्मोड़ा से आए वैज्ञानिक एवं अधिकारियों द्वारा जिले की बनी पर्यावरण योजना के ड्राफ्ट रिपोर्ट को फाइनल करने पर चर्चा की। बैठक में जिलाधिकारी ने ठोस कचरे का प्रबंधन एवं बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण डंपिंग जोन, सही स्थान पर वैज्ञानिक तरीके से करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने सभी निकायों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए कि ठोस कचरे के साथ ही अन्य वेस्ट का प्रयोग कर पार्क विकसित किए जाय। जिसके लिए अधिशासी अधिकारियों को 15 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए तथा मुख्य विकास अधिकारी से सभी विभागो में इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट सामग्री की जानकारी लेने को कहा।
जिलाधिकारी ने कहा कि कचरे को शुरुआत में पृथक-पृथक कर कचरे के सही निस्तारण के लिए आम लोगों को इसके प्रति जागरूक करना होगा और सभी को मिलकर मिशन मोड पर कार्य करना होगा। उन्होंने सभी निकायों के ईओ को सिंगल यूज प्लास्टिक अंतर्गत चालान करने में तेजी लाने के निर्देश भी दिए ताकि प्लास्टिक पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने सभी एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस, ईओ को चालान करने के निर्देश दिए और प्रत्येक सप्ताह चालान रिपोर्ट की पूरी जानकारी देने को कहा। जिले में वायु एवं ध्वनि प्रदूषण की वर्तमान स्थिति को जानने के लिए मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने लगाने के भी निर्देश दिए। बैठक में बताया कि जल्द ही आज की सम्पन्न बैठक में चर्चा किए गए बिंदुओं को जिला पर्यावरण योजना में सम्मिलित करने के बाद चम्पावत जिले की पर्यावरण योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। कार्यशाला में प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल, मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत, डीपीआरओ रामपाल सिंह, सभी नगर पालिका/पंचायत के अधिशासी अधिकारी आदि उपस्थित थे।