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चम्पावत : डीएम नवनीत पांडेय ने जिला अस्पताल का किया निरीक्षण, जानें सीएमओ व पीएमएस को दिए क्या निर्देश

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चम्पावत। जिला चिकित्सालय में सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हों, मरीजों को बिना किसी दिक्कत के समय से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले। किसी भी मरीज को जांच और दवाइयों के लिए बार बार इधर उधर अनावश्यक रूप से भटकना ना पड़े। मरीजों को हर सम्भव बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए ताकि उन्हें आर्थिक और चिकित्सकीय समस्याओं का सामना ना करना पड़े। यह निर्देश जिलाधिकारी नवनीत पांडेय द्वारा जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी व प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को दिए गए।

जिलाधिकारी ने मंगलवार को जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर इमरजेंसी वार्ड, ओपीडी, आयुर्वेदिक, आईसीयू, लैब पैथोलॉजी, नेत्र रोगओपीडी, दंत रोग ओपीडी, आईसीयू वार्ड, डायलसिस, डिस्पेंसरी, ड्यूटी कक्ष सहित अन्य वार्डों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को परखा साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को जरूरी निर्देश दिए। जिलाधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान अस्पताल में स्वच्छता का विशेष ध्यान दिए जाने के साथ ही दवा अस्पताल या जन औषधालय से दिए जाने हेतु सख्त निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल में दवाइयों का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में रखे जाने के साथ ही अस्पताल में आने वाले मरीजों को बैठने के लिए समुचित व्यवस्था हो इसके लिए भी आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा डिस्पेंसरी जो 8 से 2 बजे तक खुलता है, उसे जब तक मरीज जिला चिकित्सालय में हो तब तक डिस्पेंसरी खोली जाए। पर्ची काटने की सुगमता हेतु एक मोबाइल एप तैयार करें। साथ ही पर्ची काटते समय भीड़ को देखते हुए कार्मिकों की संख्या बढ़ाई जाए।

जिलाधिकारी ने 15 दिन में चिकित्सालय परिसर में बंद पड़े 300 एलपीएम के ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट को भी संचालित करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए। इस संबंध में जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग को अधिक क्षमता के विद्युत संयोजन लगाए जाने के निर्देश दिए। मुख्य चिकित्साधिकारी ने जिलाधिकारी को अवगत कराया की अस्पताल में सीटी स्कैन कक्ष का निर्माण किया जा रहा है। जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ग्रामीण निर्माण विभाग से समन्वय स्थापित कर सीटी स्कैन कक्ष को एक माह के भीतर तैयार कर उसे शीघ्र संचालित करने के भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने वर्षा के दौरान अस्पताल में हो रही सीलन का ट्रीटमेंट कर ठीक करने के निर्देश ग्रामीण निर्माण विभाग को दिए।जिलाधिकारी ने अस्पताल में दवा वितरण कक्ष का निरीक्षण कर दवाओं की उपलब्धता की व्यवस्था देखी तथा निर्देश दिए कि चिकित्सकों द्वारा बाहर की दवा न लिखी जाए साथ ही जनपद की सभी चिकित्सालयों में जहरीले सांपों के काटने के बाद दी जाने वाली दवाई एंटी वेनम के पर्याप्त स्टाक रखा जाये।

मुख्य चिकित्साधिकारी ने अवगत कराया कि जनपद के सभी अस्पतालों में एंटी वेनम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि विशेष कर तराई क्षेत्र में इन दवाओं का स्टॉक बढ़ाया जाए, क्योंकि तराई क्षेत्र में सांपों से काटने की घटना अधिक होती है। इसीलिए तराई क्षेत्र के अस्पतालों में उक्त दवाइयां का स्टॉक बढ़ाया जाए। आईसीयू, प्रसूति कक्ष व आपातकालीन कक्ष के निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने अवगत कराया की इन कक्षों में 24 घंटे चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ की तैनाती रहती है। आईसीयू के निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में आईसीयू में 6 मरीज भर्ती हैं। जिन्हें 24 घण्टे चिकित्सको की निगरानी में रखा जाता हैं साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी को आईसीयू कक्ष के लिए अतिरिक्त कार्मिकों व टेक्नीशियनों की आवश्यकता हेतु भी अवगत कराया। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को पूर्व में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ की की मांग पर पुनःतैनाती करने के निर्देश दिए।

डायलिसिस कक्ष के निरीक्षण के दौरान उन्होंने डायलिसिस कार्य में संतोष जताया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को मरीजों के तीमारदारों की सुविधा के लिए जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित सिगनेज लगाए जाने व मरीजों को अस्पताल में दिए जाने वाले भोजन की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने के साथ ही गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा कनिष्ठ अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि अस्पताल में जिला अस्पताल हेतु प्रशासनिक भवन वह पार्किंग निर्माण हेतु 10 करोड़ 35 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केके अग्रवाल, पीएमएस डॉ. पीएस खोलिया, डॉ. प्रदीप बिष्ट,सहायक अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग एलएम जोशी, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रदीप बिष्ट समेत जिला अस्पताल के कार्मिक मौजूद रहे।