चम्पावत : सुविधा, गुणवत्ता और समावेशन के मानकों पर आधारित होंगे ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ विद्यालय Centre for Excellence
चम्पावत। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने और विद्यालयों में आवश्यक बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राजकीय माध्यमिक, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को ‘उत्कृष्ट विद्यालय’ (Centre for Excellence) के रूप में विकसित किए जाने की योजना शुरू की गई है। इसके तहत माध्यमिक विद्यालयों की लगभग 15 किलोमीटर की परिधि में और प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों की लगभग 5 किलोमीटर की परिधि में उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना की जाएगी।

मुख्य शिक्षा अधिकारी ने अवगत कराया कि माध्यमिक स्तर पर जिन विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में चयनित किया जाएगा, वे सड़क मार्ग से जुड़े होने तथा उनमें पहले से बिजली, पेयजल, शौचालय, पर्याप्त कक्षा-कक्ष और भूमि की उपलब्धता होगी। यदि किसी विद्यालय में छात्र संख्या के अनुरूप शौचालय या अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, तो उनके निर्माण की व्यवस्था की जाएगी। भविष्य में छात्र संख्या बढ़ने की स्थिति में अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का भी निर्माण किया जाएगा।
शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि के लिए इन विद्यालयों में साहित्यिक, विज्ञान तथा आवश्यकता अनुसार वाणिज्य अथवा कृषि वर्ग की शिक्षा प्रदान की जाएगी। सभी विषयों के लिए शिक्षक पद सृजित कर विषयवार नियुक्तियां की जाएंगी। साथ ही विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर शिक्षा के लिए आवश्यक उपकरण, पुस्तकालय की स्थापना, विज्ञान प्रयोगशालाओं (भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान) का निर्माण, खेल मैदान का विकास और खेल सामग्री की व्यवस्था की जाएगी। अन्य विद्यालयों से आने वाले छात्रों के लिए ट्रांसपोर्ट सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए ऐसे विद्यालयों का चयन किया जाएगा, जिनमें पर्याप्त भूमि, कक्षा-कक्ष, शौचालय, पेयजल, विद्युत, फर्नीचर, निकटस्थ आंगनबाड़ी केंद्र, चाहरदीवारी जैसी सुविधाएं मौजूद हों। विद्यालय में आने वाले विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहुंच में कोई कठिनाई न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा और आवश्यकता होने पर समाधान की व्यवस्था भी की जाएगी।
इन विद्यालयों में आरटीई मानकों के अनुसार कम से कम चार शिक्षक तैनात किए जाएंगे। साथ ही, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, बालवाटिका, खेल मैदान, अतिरिक्त कक्षा-कक्ष आदि की स्थापना की जाएगी। सेवित क्षेत्र के अतिरिक्त अन्य विद्यालयों से आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिसके लिए प्रति छात्र प्रतिदिन निश्चित राशि की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि यह पहल विद्यालयी शिक्षा को न केवल गुणवत्तापरक बनाएगी, बल्कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को भी समृद्ध शैक्षिक वातावरण प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी। अभिभावकों की सहमति के बिना किसी भी विद्यालय को बंद अथवा समायोजित नहीं किया जाएगा।


