चाय विकास बोर्ड के चम्पावत प्रभारी डेसमंड ने इस्तीफा दिया
चम्पावत। चाय विकास बोर्ड के चम्पावत प्रभारी डेसमंड बर्कबेक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड ने उनका त्यागपत्र मंजूर कर लिया है। निजी कारणों से पद छोड़ने की दलील देने वाले बर्कबेक का सात साल का कार्यकाल अभी बाकी था।
जुलाई 1997 से 25 साल से अधिक समय तक चम्पावत में चाय विकास बोर्ड के प्रभारी रहे बर्कबेक के प्रयासों से चम्पावत की चाय को प्रदेश और प्रदेश से बाहर पहचान मिली। 1997 में जिले में एकमात्र सिलिंग्टाक में आठ हेक्टेयर क्षेत्र मेंं चाय के बागान थे जो अब बढ़कर 24 ग्रामीण इलाकों में 241 हेक्टेयर क्षेत्र में फैल गए हैं। इन 25 वर्षों में चाय की पत्तियों का उत्पादन 60 हजार किलोग्राम हो गया है। चाय फैक्टरी में प्रसंस्करण के बाद इससे 15 हजार किलोग्राम चाय तैयार होती है। खास महक और जायके वाली यह जैविक चाय कोलकाता टी बोर्ड के माध्यम से यूएसए, इंग्लैंड, जर्मनी भी निर्यात की जाती है। चाय के अलावा चाय पर्यटन को भी बढ़ावा मिला। साथ ही 346 लोगों को रोजगार मिल रहा है।
