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चम्पावत : स्वाला की आफत से राहत को अब देवों का सहारा, डेंजर जोन में हुई पूजा पाठ, मंदिर भी बनेगा

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चम्पावत। चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला में पहाड़ी से बरस रही आफत ने करीब तीन सप्ताह तक आने जाने वालों की राह रोकी। स्वाला की आफत से पार पाने के लिए अभी भी एनएच की ओर से कड़ी मशक्कत की जा रही है। वहीं अब इस आफत से राहत के लिए देवों का सहारा लिया जा रहा है। डेंजर जोन के पास ही एनएच और निर्माण कार्य में लगी एचएमबीएस, एचटीडीएस कंपनी के अधिकारियों ने पूजा पाठ कर हवन यज्ञ किया और मंदिर की आधारशिला रखी।

गुरुवार को शारदीय नवरात्र के प्रथम दिवस पर विधिविधान से लोगों की उपस्थिति में पूजा अर्चना कर मंदिर की आधारशिला रखी गई। स्वाला, मझेड़ा, बस्टिया के ग्रामीणों के साथ मिलकर नूनदुधान बाबा, मां भगवती, एड़ी ब्यानधुरा देवता, पंच पलिया, कैलबकरिया गजार बाबा का हवन और यज्ञ किया गया। देव डांगरों ने आशीर्वाद दिया। इंजीनियर राकेश पाठक ने बताया कि इसी डेंजर जोन के नजदीक चौड़ी जगह पर एक मंदिर निर्माण किया जा रहा है, इसका निर्माण 15 दिनों में पूरा होगा।

चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला में पहाड़ी से गिर रहे मलवे को हटाने का काम रात दिन चल रहा है।

डेंजर जोन बन चुके स्वाला में 12 और 13 सितंबर को आई आपदा से भारी भूस्खलन हो गया था। 17 सितंबर को कैंटर भी इस स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। चालक ने किसी तरह कूद कर अपनी जान बचाई थी। इसके बाद से यातायात पूरी तरह बंद कर दिया गया था। एनएच इस स्थान पर लगातार मलबा हटाने का काम करता, लेकिन पहाड़ी से मलबा गिरने के साथ ही सड़क पर बना रैंप भी लगातार धंसता रहा। इसके बाद एनएच के चीफ इंजीनियर दयानंद और अन्य तमाम अधिकारियों ने स्वाला में डेरा डाल कर किए जा रहे कार्य पर नजर रखी।

कई दिनों तक सड़क नहीं खुलने पर सीएम के सचिव दीपक रावत को भी यहां आना पड़ा। सूत्रों की मानें तो काम पर लगे लोगों ने स्वाला डेंजर जोन की इस समस्या से निजात मिलने पर मंदिर निर्माण और पूजा कराने की बात कही थी। इसके बाद यह निर्णय लिया गया। एचएमबीएस के रितेश गुप्ता ने बताया कि नवरात्र पर्व पर मंदिर निर्माण कार्य कराया जा रहा है।