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चम्पावत : लंपी से बीमार पशुओं के उपचार को सीवीओ समेत पशु ​पालन विभाग के अफसर मुख्यालय छोड़ जाएंगे दूरस्थ गांवों में, डीएम ने दिए निर्देश

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चम्पावत। जिले में लंपी वायरस की रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने पशुपालन, दुग्ध विकास एवं वॉयफ के अधिकारियों के साथ बैठक कर लंपी वायरस से ग्रसित पशुओं, मवेशियों के त्वरित इलाज एवं शत-प्रतिशत पशुओं का इलाज तथा टीकाकरण करने के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सीवीओ सहित सभी पशु चिकित्सकों को व पशुधन प्रसार अधिकारियों को मुख्यालय छोड़कर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर इलाज करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि वह जिले के प्रत्येक तहसील क्षेत्र में प्रतिदिन लंपी वायरस से ग्रसित पशुओं के उपचार, मृतक व टीकाकरण के संबंध में चलाए गए अभियान की सूचना उन्हें उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि एक भी पशु की मृत्यु ना हो इस हेतु पशुपालन, दुग्ध विकास और वॉयफ की टीम गांव गांव जाकर दवा वितरण, उपचार कर इस बीमारी में नियंत्रण लाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की बीमारी न फैले इस हेतु शत-प्रतिशत टीकाकरण पशुओं में किया जाए। स्वयं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी गांव का भ्रमण करें। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वह प्रत्येक दिन इस संबंध में पशुपालन विभाग के साथ उपचार, टीकाकरण की समीक्षा करेंगे।

बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीएस भंडारी ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि लंपी बीमारी से वर्तमान तक जिले में 27 पशुओं की मृत्यु हुई है। प्रथम प्रकरण 15 अप्रैल को लोहाघाट के चौड़ी राय में आया। जहां पर एक गाय की मृत्यु इस बीमारी से हुई। उन्होंने कहा कि जिले में लंपी बीमारी से ग्रसित पशुओं के उपचार हेतु विभिन्न टीमें बनाई गई है। जो गांव गांव जाकर इलाज कर रही है वर्तमान में 30,000 वैक्सीन भी प्राप्त हो गए हैं। गत वर्ष 26000 वैक्सीन प्राप्त हुई थी। जिनका टीकाकरण पशुओं में किया गया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीएस भंडारी, पशु चिकित्सा अधिकारी लोहाघाट डॉ. डीके चंद, प्रबंधक दुग्ध संघ पुष्कर सिंह नगरकोटी, पशु चिकित्सक डॉ. जावेद खान, वॉयफ से जिला समन्वयक प्रताप सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।

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